वन मंत्री कानन पेंडारी में टाइगर की मौत की जानकारी लेने गए, बघेल कार्यकर्ताओं से मिले
बिलासपुर। प्रदेश मंत्रिमंडल के मुखिया भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री मो. अकबर दोनों आज बिलासपुर में थे और संसदीय सचिव के मुद्दे पर उनका अलग-अलग बयान आया।
सफेद बाघ की मौत के बारे में अधिकारियों से कानन पेंडारी में जानकारी लेते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर।

कानन पेंडारी में विगत दिवस हुई सफेद बाघ की मौत की जानकारी लेने के लिए पहुंचे वन, पर्यावरण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पिछली भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस सरकार भी संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जायेगी। हालांकि यह भाजपा सरकार की तरह लाभ का पद नहीं होगा बल्कि हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप वे सिर्फ मंत्रियों के सहायक होंगे और उन्हें विधायकों को मिलने वाली सुविधा के अतिरिक्त कोई अन्य सुविधा नहीं मिलेगी। इसी मसले पर कुछ घंटे बाद छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब पत्रकारों ने बात की तो उन्होंने कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर अभी कोई विचार नहीं किया गया है।

मालूम हो कि दोनों ही नेता सरगांव के अनुरागी धाम मंदिर में आयोजित समाधि मंदिर निर्माण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये थे। मो. अकबर बिलासपुर होते हुए सरगांव गये जबकि मुख्यमंत्री बघेल सरगांव के कार्यक्रम के बाद ट्रेन से रायपुर निकले। छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने 11 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करते हुए उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया था।तब कांग्रेस के मोहम्मद अकबर और रायपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर इन नियुक्तियों को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिकाएं ख़ारिज कर दी थीं तथा अपने पूर्व के आदेश को यथावत रखा था कि संसदीय सचिव अपने पद पर तो बने रहेंगे लेकिन इस संबंध में मंत्री के तौर पर मिलने वाले अधिकार व अतिरिक्त सुविधाओं का उपभोग नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में मंत्रिपरिषद् के सदस्यों की संख्या अधिकतम 12 रखी जा सकती है। इसके चलते कई दावेदार विधायक मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बन पाये हैं. समझा जाता है कि इन्हें संसदीय सचिव के रूप में कार्य सौंपने पर कांग्रेस सरकार विचार कर रह है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम एसईसीएल हेलीपेड पहुंचे। इसके बाद छत्तीसगढ़ भवन पहुंचने पर उनका कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कानन पेंडारी जू में अधिकारियों और डॉक्टरों से सफेद बाघ की मौत के कारणों पर चर्चा की।  डॉक्टरों ने सांप के काटने से बाघ की मौत की आशंका जताई। अकबर ने डॉक्टरों से पूछा कि क्या बाघ के शरीर पर सर्पदंश के निशान पाये गये हैं। इस पर  उन्हें बताया गया कि बाघ के शरीर पर बाल होने के कारण सर्पदंश के निशान नहीं दिखे, लेकिन बाघ के हृदय में कालापन और मुंह से झाग निकला है,  जिसके चलते सर्पदंश की आशंका है। अकबर ने बताया कि बाघ के अंगों को जांच के लिए बरेली भेजा गया है, जहां से विस्तृत रिपोर्ट आने पर ही बाघ की मृत्यु के कारणों के बारे में खुलासा हो सकेगा।

 

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