कुलपति ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के लिए रखा पाठ्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की अवधारणा पर काम करते हुए रोजगार परक शिक्षा, कौशल विकास और आत्मनिर्भर भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित संकल्प को साकार करने का लक्ष्य रखा है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने इस संबंध में शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ बैठक लेकर मंथन किया। उन्होंने कहा कि राज्य के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के दृष्टिकोण से स्थानीय युवाओं को सर्वांगीण विकास के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यहां के युवाओं में असीम संभावनाएं हैं। स्वावलंबी छत्तीसगढ़ में इन्हें पहचानने तथा उनकी कौशल विकास की प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जाएगा। स्वावलंबी विद्यार्थी समाज के हित के साथ ही राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में भी अहम योगदान देता है। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय में सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, जिला उद्योग केंद्र, उद्योग संघ, सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए एमएसएमई एवं राज्य के प्रतिष्ठित उद्यमियों से विचार विमर्श कर पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव भी किए जाएंगे।
बैठक में स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए राज्य एवं केंद्र स्तर पर समन्वय एवं विश्वविद्यालय की अधोसंरचना के नवीनीकरण पर बल दिया गया।

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