डॉ. अमल झा ने दायर की थी याचिका

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के पद पर नियुक्त डॉ. अनिल गुप्ता की सिविल सर्जन पद पर नियुक्ति पर जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। जिला अस्पताल के शल्य क्रिया विशेषज्ञ डॉ. अमल कुमार झा ने अपने से जूनियर को सिविल सर्जन बनाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिला अस्पताल में डॉ. मधुलिका ठाकुर के पद से हटाए जाने के बाद सिविल सर्जन पद पर इन दो डॉक्टरों का नाम चला। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर प्रसन्ना ने डॉ.अनिल गुप्ता एम.डी मेडिसिन को जिला अस्पताल का प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक नियुक्त कर दिया। दूसरी ओर डॉ. झा उनसे सीनियर हैं।

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने बताया कि जुलाई 2014 से ही शासन का आदेश है कि वरिष्ठ चिकित्सक को सिविल सर्जन बनाया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी सचिवालय को कहा था कि डॉ. झा की नियुक्ति करें।

डॉ. झा व गुप्ता का एक साथ 2007 में प्रमोशन हुआ था। डॉ. झा की 1988 से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति हुई थी जबकि की डॉ. गुप्ता 1990 में। उल्लेखनीय है कि इसके पहले सन् 2018 में भी एक वरिष्ठता सूची शासन ने जारी की थी जिसमें उनका नाम पीछे होने पर डॉ. झा ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है जिस पर सुनवाई चल रही है। इसी सूची के आधार पर सचिवालय ने डॉ. गुप्ता को सिविल सर्जन बनाया था। इस मामले की सुनवाई भी हाईकोर्ट में जारी रहेगी।

 

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