वेब पोर्टल लांच, सबसे पहले मुख्यमंत्री बघेल ने दर्ज कराया अपना डेटा

27 फीसदी आरक्षण के राज्य सरकार के फैसले पर लगी है रोक

रायपुर। पिछड़ा वर्ग को नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने स्थगन दिया था। इस पर राज्य सरकार ने आज से पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ कमजोर वर्ग का मात्रात्मक डेटा तैयार करने के लिये अभियान शुरू किया है। इससे संबंधित वेब पोर्टल आज एक समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लांच किया, जिसमें सबसे पहले अपना डेटा दर्ज कराया।

राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना के लिये छत्तीसगढ़ क्वांटीफायबल डाटा आयोग के मोबाइल एप और वेब पोर्टल www.cgqdc.in  को मुख्यमंत्री ने लांच किया। बघेल ने इस एप में अपने से संबंधित जानकारी दर्ज कर एप के माध्यम से सर्वे कार्य की प्रदेशव्यापी शुरूआत की।
बघेल ने इस अवसर पर कहा कि समाज के हर वंचित तबके तक न्याय पहुंचाना और अवसरों की समानता निर्मित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में सरकार ने किसानों, वनवासियों, मजदूरों और भूमिहीनों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार ने 4 सितंबर 2019 को एक अध्यादेश जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय को अदालत में चुनौती दी गई, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने निर्णय के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वाइंटिफिएबल डेटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिया था। आदेश के परिपालन के लिए और आरक्षण के प्रावधानों को विधिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए क्वाइंटिफिएबल डाटा आयोग का गठन किया गया है। आयोग अपने काम को सुव्यवस्थित और सटीक तरीके से पूरा कर सके इसके लिए पोर्टल और मोबाइल एप बनाया गया है। यह मोबाइल एप आयोग के साथ-साथ आवेदकों के लिए भी काफी सुविधाजनक होगा> एक पारदर्शी व्यवस्था के साथ पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की गणना हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों से इस सर्वे में डेटा संकलन के काम में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की।

गणना हेतु चिप्स द्वारा तैयार ‘सीजीक्यूडीसी‘ (CGQDC) मोबाईल एप चिप्स प्ले स्टोर में उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड करके निर्धारित प्रपत्र में चाही गई जानकारी अपलोड की जा सकती है। इसके अलावा च्वाईस सेंटर में वेब पोर्टल www.cgqdc.in के जरिए भी जानकारी दर्ज की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में सर्वे के लिए 5549 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। शहरी क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाइजरों की नियुक्ति की गई है। मोबाइल एप को इंस्टाल करने के बाद एप में आवेदक को पंजीयन करना होगा।  पंजीयन के लिए एप में लॉगिन के चार विकल्प दिये गए हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड नंबर, राशन कार्ड के मुखिया के मोबाइल नम्बर अथवा आवेदक के स्वयं के मोबाईल नंबर के आधार पर एप में लॉगिन किया जा सकता है। लॉगिन के बाद एप में एक प्रपत्र में आवेदक से संबंधित जानकारी जानकारी भरकर अपलोड करना होगा। अपलोड की गई जानकारी संबंधित आवेदक के ग्राम पंचायत, नगर पंचायत अथवा नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त सुपरवाईजर के पास स्वयं ही फारवर्ड हो जाएगी। आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाइजर को जैसे ही आवेदक की जानकारी मिलेगी, वह उसका सत्यापन करेगा। इसके बाद डाटा सर्वर में सुरक्षित हो जाएगा। यही डाटा राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना में सहायक होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कलेक्टर रायपुर सौरभ कुमार, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई तथा छत्तीसगढ़ क्वांटिफिएबल डॉटा आयोग के सचिव बी.सी.साहू बैठक में उपस्थित थे।

 

 

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