बिलासपुर। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश और ओडिशा  के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित पुलिस के अन्य अधिकारियों को अवमानना मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है ।

इन अफसरों के खिलाफ कोर्ट के आदेश के वावजूद ओडिशा के दो युवकों के छत्तीसगढ़–ओडिशा बार्डर के पास अपहरण किए जाने के मामले मेँ कोई जांच न करने और रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर अवमानना याचिका दायर की गई है ।

एडवोकेट रजत अग्रवाल ने बताया कि ओडिशा राज्य के कोरापुट मे रहने वाले निरंजन दाश और दुरजोति मोहनकुडो 28 जुलाई 2016 को घूमते हुये जगदलपुर के नगरनार क्षेत्र के बोरीघुमा पहुंचे थे । आरोप है कि पुलिस ने दोनों युवकों का अपहरण कर लिया और युवकों के पास से गोला-बारूद जैसी विस्फोटक सामग्री की जब्ती दिखाते हुये उन्हें माओवादी होने की आशंका मे गिरफ्तार कर लिया । दोनों युवकों के ओडिशा वापस न लौटने पर जब उनके परिजनों ने पतासाजी की तब उन्हें अपहरण और गिरफ्तारी की सूचना मिली । दोनों युवकों के भाइयों, गगन दाश और मनोज कुमार मोहनकुडो व अन्य ने ओडिशा के कोर्ट मे याचिका दायर की । ओडिशा मे संबन्धित जिला न्यायालय ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 120बी, 220, 330, 342, 365, 500 आईपीसी और 25-27 आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया ।

एडवोकेट अग्रवाल के अनुसार गिरफ्तार युवकों के परिजनों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे भी एक याचिका दायर की ।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 16 नवंबर 2017 को आदेश पारित किया कि दोनों राज्य एक संयुक्त टीम बनाकर मामले की जांच करें ताकि सच सामने आ सके। आदेश के बाद भी जांच न होने पर याचिककर्ताओं ने पुनः रिट अपील दाखिल की ।

हाईकोर्ट की युगल पीठ ने 20 जनवरी 2020 को पुनः यह आदेश पारित किया कि तत्काल प्रभाव से जांच पूरी कर रिपोर्ट की एक-एक कॉपी याचिकाकर्ता और रजिस्ट्रार जनरल को सौपी जाये । इस आदेश के बाद भी मामले मेँ न तो कोई जांच टीम गठित की गई और न ही रिपोर्ट पेश की गई।

एडवोकेट अग्रवाल के अनुसार एक साल की अवधि बीत जाने पर अंततः याचिककर्ताओं ने फरवरी माह मे हाईकोर्ट की युगल पीठ के आदेश की अवमानना को लेकर एक याचिका दायर की है। याचिका पर शुक्रवार को चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की युगल पीठ के समक्ष सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा, दोनों राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी और मामले से संबन्धित पुलिस के अन्य आला अफसरों को नोटिस जारी कर शपथ-पत्र के साथ जवाब तलब किया है।

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