तखतपुर। चिकन खाने के शौकीनों के लिए खुशखबरी है कि कोरोना वायरस के डर से अचानक मुर्गों के दाम में भारी कमी आ गई है। हालांकि पोल्ट्री फार्म के संचालक बता रहे हैं कि भारत के चिकन से कोरोना वायरस का कोई सम्बन्ध नहीं है। इस सम्बन्ध में वे केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय के पत्र का हवाला भी दे रहे हैं।

आम तौर पर होली के पहले मुर्गों के दाम में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है पर इस समय इनके दाम काफी घट गये हैं। मुर्गा 70 रुपये किलो में मिलने लगा है, जो एक माह पहले 120 रुपये तक मिलता था। इस समय मुर्गे को काटकर 90 रुपये में दिया जा रहा है, जो एक माह पहले 140 रुपये में था। बाजार में मुनगा जैसी कई सब्जियों के दाम इस समय मिल रहे चिकन से अधिक हैं।

ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए थे जिसमें कोरोना वायरस के चलते मुर्गों को जिंदा दफनाते हुए दिखाया गया था। इस बारे में मुर्गी फार्म संचालक अयूब अंसारी का कहना है कि देश में अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन अफवाह के कारण लोग इसे खाने से घबरा रहे हैं। मुर्गों की बिक्री घटने के कारण उन्हें दामों में कमी करनी पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और पशुपालन मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि देश में चिकन का कोरोना वायरस से कोई सम्बन्ध नहीं है।

चिकन के शौकीनों में इसके दाम घटने से उत्साह तो है लेकिन साथ ही उनमें तमाम सफाई के बावजूद भय बना हुआ है।

 

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