एसपी ने कहाः सीसीटीवी कैमरे पुलिस विवेचना में बहुत जरूरी, लोग आगे आएं

बिलासपुर। सिम्स चिकित्सालय से अपनी बीमार मां को छोड़कर 6 साल का बालक अचानक लापता हो गया। वह मां के पास से तो दोपहर 1.30 बजे से निकल चुका था पर वापस नहीं आने पर शाम चार बजे मां ने सिम्स चौकी में ख़बर की। कोतवाली पुलिस हरकत में आई। पहले तो अपहरण की आशंका से हाथ पांव फूले। फिर दर्जनों सीसीटीवी कैमरे खंगालने के बाद पता चला कि वह खुद मुंगेली रोड की ओर पैदल ही निकला है। सकरी पुलिस को ख़बर की गई और कुछ ही घंटों में उसे गोद में ले लिया गया। पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि वे सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल कर खुद सुरक्षित रहें और बेहतर पुलिसिंग में मदद करें।

पुलिस की संवेदनशीलता और सीसीटीवी कैमरे की अहमियत से जुड़ी एक वारदात आज हुई। कैंसर पीड़ित एक महिला सिम्स चिकित्सालय में इलाज करा रही हैं। उसके साथ उसका 6 साल का बेटा भी रुका हुआ था। दोपहर डेढ़ बजे वह अस्पताल से गायब हो गया। मां ने समझा कि वह आसपास कहीं घूम रहा होगा। बहुत देर बाद भी उसका पता नहीं चला तो सिम्स चिकित्सालय परिसर में स्थित पुलिस चौकी में उसने इसकी ख़बर की। सिम्स चौकी कोतवाली थाने का हिस्सा है। थाना प्रभारी परिवेश तिवारी तक सूचना पहुंची। उन्होंने तुरंत टीम बनाई और खुद भी सक्रियता दिखाई। सिम्स चिकित्सालय के सीसीटीवी कैमरे से पता चला कि बालक अकेले ही बाहर निकला है और रेडक्रास दुकान, मेडिकल शॉप होते हुए तिलकनगर की ओर गया है। कई टीमें लगाई गईं। रास्ते के सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया गया। कोतवाली पुलिस को यह तो पता है कि उनके थाना क्षेत्र में कहां-कहां कैमरे हैं लेकिन बालक के थोड़ा आगे बढ़ते ही सिविल लाइन थाने का इलाका आ गया। सिविल लाइन थाने से सीसीटीवी कैमरों की सूची हासिल की गई। रास्ते में अनेक हॉस्पिटल, मंदिर और दुकान मिले, जिनमें बालक की तस्वीर कैद हो रही थी। नेहरू चौक से भी फुटेज मिले। उसलापुर तक सीसीटीवी कैमरों की सूची पुलिस के पास थी। सबको खंगालने के लिए अलग-अलग स्टाफ लगे हुए थे। नेहरू चौक से बालक बड़े आराम से पैदल-पैदल अपनी जींस पेंट पर हाथ डाले आगे बढ़ता हुआ दिखा। उसलापुर तक दो दर्जन से ज्यादा कैमरों को खंगालने के बाद पता चला कि बालक पैदल ही आगे बढ़ रहा है। इस बीच एक टीम मां से भी पूछताछ में लगी थी। उससे पूछा गया कि वह उसलापुर की ओर क्यों गया?  मां ने बताया कि उसका एक किराये का मकान सकरी में है, जहां जाकर रुकती है। वहां एक स्कूल में वह भृत्य का काम करने के लिए जाती है।

पुलिस नियंत्रण कक्ष और कोतवाली पुलिस की ओर से तुरंत सकरी थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी अभिनव उपाध्याय को फोन कर इसकी जानकारी दी गई। सकरी पुलिस हरकत में आ गई। इधर कोतवाली से टीम पहुंची और दूसरी ओर से सकरी पुलिस की टीम महिला के बताये गये पते पहुंच गई। वहां बालक खेलते हुए मिल गया। उसे पुलिस ने गोद में उठाया। बालक ने बताया कि उसे मां ने बताया कि पिताजी यहां आएंगे, उनसे मिलने चला आया। पुलिस को मालूम हुआ कि पिता और माता में कुछ विवाद है। पर इसे लेकर कोई अपराध दर्ज नहीं है न ही शिकायत है इसलिये पुलिस के लिए यह सूचना महत्व की नहीं थी।

बिलासपुर में अपहरण और हत्या की हाल की वारदातों को देखते हुए पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और बालक के मिल जाने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।

सीसीटीवी कैमरे विवेचना में मददगार, सब पहल करें – एसपी प्रशांत अग्रवाल

प्रशांत अग्रवाल, आईपीएस।

इस घटना पर बात करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने www.bilaspurlive.com   से कहा कि वे जोर देते रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरों की मदद से अपराध रुकते हैं और उनकी विवेचना में मदद मिलती है। इस प्रकरण में अपराध हो सकता था पर नहीं है। पुलिस के पास यह मामला आया और सीसीटीवी कैमरों से मदद मिली। उन्होंने कहा कि पुणे के शातिर अपराधी को पकड़ने का मामला हो या हाल के कुछ और चोरी के मामले सीसीटीवी से बहुत सहायता मिली है। उन्होंने मकान मालिकों, मोहल्लों की समितियों और व्यवसायी संगठनों से सीसीटीवी कैमरे लगाकर अपराधों पर नियंत्रण रखने की एक बार फिर अपील की।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जिला पुलिस ने तारबाहर के व्यापारियों को एक समारोह में सम्मानित किया है। यह सम्मान व्यापारियों की ओर से तारबाहर नाका चौक पर लगाये गए सीसीटीवी कैमरों के चलते किया गया।

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