संयुक्त संचालक ने ली बैठक, टीडीएस कटौती पर विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण

नगरीय प्रशासन विभाग के संयुक्त संचालक राकेश जायसवाल ने संभाग के सभी 46 नगरीय निकायों के प्रमुखों को चेतावनी दी है कि महालेखाकार की ऑडिट आपत्तियों का वे तत्काल निराकरण करें।

व्यापार विहार स्थित अरपा सदन में संभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जायसवाल ने संचालनालय से मिले 28 बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की। इसमें संभाग के पांचों जिलों के निकायों के प्रमुख व अभियंता शामिल हुए। बैठक में निम्न बिन्दुओं पर दिशानिर्देश दिए गएः-

-व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की आधार सीडिंग समय सीमा पर पूरी करें।

-ऑडिट आपत्ति का त्वरित निराकरण करें।

-विधानसभा चुनाव में मिले दायित्वों का कुशलता से निर्वाह करें।

-जनकार्यों के पारित प्रस्तावों के टेंडर और वर्कऑर्डर पर कार्य आरंभ करें।

-कर्मियों और शिक्षक संवर्ग के वेतन के वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें।

-स्थानांतरण आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

-लंबित अदालती मामलों में जवाब दावा प्रस्तुत करें।

-प्लास्टिक कैरी बैग पर एक्शन टेकन रिपोर्ट दें।

जीएसटी पर प्रशिक्षण, एक अक्टूबर से टीडीएस कटौती 

दो सत्रों की बैठक में नगर निकाय के प्रमुखों को वाणिज्य कर विभाग के विशेषज्ञों ने जीएसटी के अंतर्गत स्त्रोत पर कर कटौती का विशेष प्रशिक्षण दिया। इसमें वाणिज्य कर विभाग से अधिकारी हर्षित मिश्रा, श्रवण महतो के अलावा चार्टर्ड विशाखा राजपूत शामिल थीं। इसमें बताया गया कि ढाई लाख से अधिक की खरीदी पर दो प्रतिशत टीडीएस कटौती की जाएगी। बैठक में सीजीएसटी और आईजीएसटी के विषय पर चर्चा करते हुए एजेंसियों द्वारा खरीदी पूर्व पंजीयन के बारे में विस्तार से बताया गया। बैठक में आहरण संवितरण अधिकारी ने आवश्यक प्रक्रियाओं की जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान टीडीएस के आवेदन, पंजीयन और फॉर्म फार्मेलिटीज के तरीकों को भी बताया गया। जीएसटी की धारा 51 के तहत एक अक्टूबर से टीडीएस की कटौती प्रभावी हो जाएगी।

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्यः संयुक्त संचालक जायसवाल ने वाटर एटीएम, मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत मणि कंचन केन्द्रों तथा कम्पोस्टिंग शेड के निर्माण की जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के काम में प्रगति लाने का निर्देश दिया, साथ ही सभी नगरीय निकायों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाने कहा।
शौचालयों में शुल्क न लेः  उन्होंने जानकारी दी कि सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव व संचालन के लिए राज्य शासन ने राशि का प्रावधान कर दिया है। यह 20 से अधिक सीटों वाले शौचालय के लिए 18 हजार तथा 20 से कम सीटों के लिए 15 हजार रुपए है। इसलिए शौचालयों में किसी तरह का शुल्क नागरिकों से नहीं लिया जाए।

जायसवाल ने कहा कि बाल श्रमिक, कचरा बीनने वाले, भीख मांगने वाले बच्चों का सर्वे कर उनके पुनर्वास करने का कार्य तत्परता से करें। इस सम्बन्ध में उन्होंने बाल संरक्षण समिति के निर्देशों का हवाला दिया।उन्होंने सफाई कर्मचारियों के लिए लागू योजना का लाभ दिलाने, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नागरिकों को सेवाएं देने, थ्री स्टार रेटिंग क्रियान्वयन के लिए यूजर चार्ज और जुर्माना वसूलने कहा। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए। बैठक में बताया गया कि अगस्त माह में 12 निकायों की राजस्व वसूली लक्ष्य से 10 प्रतिशत कम है। इसे लक्ष्य के अनुरूप किया जाए।

 

 

 

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