आजाद मंच में दी आंदोलन की चेतावनी
बिलासपुर। आजाद मंच ने मांग की है हवाई सेवा और क्रूज़ होटल के पहले शहर की सिटी बस सेवा पर ध्यान दिया जाए जिस पर अब तक 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
आज बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी के अध्यक्ष बिलासपुर कलेक्टर को सचिव नगर निगम आयुक्त के माध्यम से सौंपे गये ज्ञापन में मंच के प्रमुख इंजीनियर विक्रांत तिवारी ने कहा है की आम जनता की किफायती आरामदेह और विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रदेश के 21 कलस्टर के 70 शहरों में 451 बसों के लिए 184 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। इसी में एक अक्टूबर 2015 को 25 करोड़ की लागत से 50 सिटी बसों का संचालन बिलासपुर में शुरू किया गया था। इनमें 40 नॉन एसी और 10 एसी बसें शामिल थीं। एक समय था जहां प्रदेश को बेस्ट सिटी बस सर्विस का तमगा था और बिलासपुर को भी सर्वश्रेष्ठ सिटी बस संचालन का पुरस्कार मिला। ये बसें न केवल बिलासपुर बल्कि ग्रामीण क्षेत्र तखतपुर, कोटा, खूंटाघाट, चकरभाटा, बिल्हा के 12 रूट पर चलती थी। आंकड़ों के अनुसार हर दिन इन बसों में 8000 लोग सफर करते थे। इन बसों के संचालन के लिए सोसाइटी को 15 लाख रुपए हर महीने दिए जाते थे। 14 बसें खराब होने पर भी पूरे 50 बसों की राशि ठेका कंपनी को दी जाती रही। कोरोना काल में 30 मार्च 2020 को 8 दिनों के लिए बसें बंद की गई जिसके बाद आज तक यह सेवा बंद है। शहर के लोग इस सुविधा से वंचित हैं। इस सुविधा के लिए 10 करोड़ से अधिक की 4 एकड़ भूमि दी गई, 5 करोड़ की लागत से सिटी बस टर्मिनल बनाया गया 15 करोड़ रुपये बसों की देखरेख पर खर्च हो गई और कोनी टर्मिनल में खड़ी सभी बसें कंडम हो गई। लगभग 40 करोड़ रुपये लगाने के बाद भी आम जनता 21 माह से सिटी बस की सुविधा से वंचित है। यह बहुत दुर्भाग्य जनक है कि शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी द्वारा पिछले 1 साल से एक भी बैठक नहीं की गई है और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए बिलासपुर में सिटी बस की सुविधा फिर से शुरू की जाए।
इस पत्र में कहा गया है कि 1 हफ्ते के भीतर उपयुक्त कदम नहीं उठाने पर आजाद मंच द्वारा क्रमिक हड़ताल और जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।