हाईकोर्ट ने दोनों को नए सिरे से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिय

बिलासपुर। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए आदेश का कड़ाई से पालन नहीं करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायपुर के कलेक्टर व एसपी को नोटिस जारी कर नए सिरे से जानकारी देने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति पी सैम कोशी और  पार्थ प्रतीम साहू की युगल बेंच ने कलेक्टर और एसपी रायपुर को नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने को आदेश दिया है और इसमें यह बताने कहा गया है कि जनहित याचिका में दिए गए आदेशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि हम आशा करते हैं कि अधिकारी जनहित याचिका में दिए गए आदेश का शब्द: और मूल भावना में, दिन-प्रतिदिन पालन करके बताएंगे। याचिका की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद रखी गई है। अवमानना याचिका छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की ओर से दायर की गई है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में असंतोष जताते हुए कोर्ट ने नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने कहा है कि वर्ष 2016 में जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ में आदेशित किया गया था कि गाड़ियों पर साउंडबॉक्स रखकर डीजे बजाने पर कलेक्टर और एसपी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स नहीं बजने दिया जाए और मिलने पर साउंड बॉक्स को जब्त किया जाए। साथ ही बिना मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के साउंड बॉक्स रिलीज नहीं किया जाए। दुबारा पकड़े जाने पर वाहन का परमिट निरस्त किया जाना है तथा उच्च न्यायालय के आदेश बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट नहीं जारी किया जाएगा। रात 10 बजे के बाद डीजे बजने पर जब्त किए जागेंगे। शादियों, जन्मदिन और धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदंड से अधिक ध्वनि विस्तार होने पर, पुलिस के मना करने के बावजूद भी आयोजक ध्वनि प्रदूषण करे तो उसके विरुद्ध उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने का अवमानना का प्रकरण दायर किया जाना है।

आदेश में कहा गया था कि वाहनों में प्रेशर हॉर्न और मल्टीटोन टोन हॉर्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी तत्काल ही उसे वाहन से निकलवा कर नष्ट करेगा तथा रजिस्टर में दर्ज करेगा। अधिकारी इस संबंध में वाहन नंबर के साथ मालिक तथा चालक का डेटाबेस रखेगा ताकि दोबारा अपराध करने पर वाहन जब्त किया जाए तथा न्यायालय के आदेश के बिना जब्त वाहनों को नहीं छोड़ा जा सके।

स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, ऑफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेंस पर लाउडस्पीकर बजने पर कलेक्टर, एसपी को ध्वनि विस्तार यंत्रों को जब्त करना होगा, जिसको बिना मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) की अनुमति के वापस नहीं किया जाएगा। दूसरी बार गलती पर जब्त यंत्रों को उच्च न्यायालय के आदेश बिना वापस नहीं किया जाएगा।

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