बिलासपुर । श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मास्क और सैनेटाइजर बांटने की ड्यूटी पर लगाये गये एक शिक्षक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। शिक्षक के एक माह पहले केरल से लौटने का भी पता चला है। इधर बिना सुरक्षा किट के शिक्षकों को प्रवासी मजदूरों के बीच ड्यूटी पर लगाये जाने को लेकर शिक्षक संघ के नेताओं ने सवाल भी खड़ा किया है।

बिलासपुर नगर निगम के तिफरा में रहने वाले 53 वर्षीय इस शिक्षक की ड्यूटी रेलवे स्टेशन पर लगाई गई थी। उन्हें अन्य शिक्षको के साथ प्रवासी मजदूरों को मास्क व सैनेटाइजर बांटने तथा उन्हें क्वारांटीन सेंटर ले जाने के लिए बस तक छोड़ने की ड्यूटी पर लगाया गया था। 24 मई को गले में खराश और खांसी की शिकायत आने पर उसने अपने स्वाब का सैम्पल टेस्ट के लिये दिया। 28 मई को एम्स रायपुर के लैब से रिपोर्ट आई है जिसमें उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। पता चला है कि शिक्षक अपना सैम्पल देने के तुरंत बाद सेल्फ क्वारंटीन पर चले गये थे। इसके बाद भी उनके सम्पर्क में आये अन्य शिक्षकों और परिवार के लोगों का सैम्पल परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। तिफरा में उसके निवास के पास के क्षेत्र को कंटेन्मेन्ट जोन घोषित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन सहित जिले के क्वारंटीन सेंटर्स पर भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। व्याख्याता संघ के प्रवाक्ता जितेन्द्र शुक्ला  ने मांग की है कि कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को सुरक्षा किट प्रदान किया जाये तथा उनका 50 लाख रुपये का बीमा कवर किया जाये। उन्होंने शिक्षकों को जोखिम भत्ता भी देने की मांग की है।

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