दुर्ग : छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने दिल्ली से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी विराज गुप्ता ने इंश्योरेंस कंपनी का अफसर बनकर एक व्यक्ति से 10 लाख रुपए की ठगी की थी।पुलिस को उसके पास से फर्जी नामों से खोले गए बैंक अकाउंट नंबर और तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस उसके एक और साथी की तलाश कर रही है।पुलिस ने विराज गुप्ता के पास से 12 मोबाइल, चार्जर, 10 सिम, 14 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, कस्टमर के नाम व नंबर लिखी 5 डायरियां, आशीष शर्मा के नाम का वोटर और पैन कार्ड, आलोक शर्मा के नाम का वोटर और पैनकार्ड, 7 चेकबुक और 17 हजार रुपए बरामद किए हैं। साथ ही बैंक खातों में पड़े 4.5 लाख रुपयों को फ्रीज कराया है।

जानकारी के मुताबिक, दुर्ग के पद्मनाभपुर निवासी शंकर राव कटारे ने साल 2013 में एलआईसी से एक इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। जुलाई-अगस्त में उनके पास अलग-अलग नंबरों से कॉल आया।कॉल करने वालों ने अपना नाम आलोक शर्मा और आशीष शर्मा बताया। साथ ही कहा कि वे इंश्योरेंस ऑफिसर हैं। पॉलिसी अपडेट कराने से ज्यादा फायदा होगा।उनकी बातों में आकर शंकर राव ने बताए गए खातों में कई बार में 10 लाख रुपए जमा कर दिए। ठगी का पता चलते पर 23 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई गई।पुलिस जांच में पता चला कि कॉल दिल्ली से किया गया और 6 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए। इन रुपयों को दिल्ली के अलग-अलग एटीएस से निकाला गया।इस पर पुलिस टीम दिल्ली पहुंची और नंबरों के आधार पर मयूर विहार फेज-1 से आशीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आशीष का असली नाम विराज गुप्ता है और वह न्यू अशोक नगर पूर्वी दिल्ली का रहने वाला है।वह अपने साथी दीपक मेहता उर्फ आलोक शर्मा के साथ मिलकर ठगी कर रहा था। दोनों ने फर्जी नामों से ही खाते खोले।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here