नैनीताल पुलिस की जांच से हुई पुष्टि, पहले भी वीवीआईपी लोगों को दे चुका है धमकी

बिलासपुर। उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक जज को जान से मारने की धमकी देते हुए 50 करोड़ रुपये फिरौती की मांगी गई। नैनीताल पुलिस ने यहां आकर जांच की तो पुष्टि हुई कि सेंट्रल जेल में बंद डकैत पुष्पेंद्र चौहान ने यह पत्र लिखा था। वह पहले भी अनेक वीवीआईपी लोगों को इसी तरह धमकी भरा पत्र लिख चुका है।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय में एक गुमनाम पत्र पिछले दिनों पहुंचा। यह पत्र एक जज को संबोधित किया गया था। इसमें गाली-गलौच के साथ धमकी दी गई थी कि 48 घंटे के भीतर यदि 50 करोड़ रुपये फिरौती नहीं दी गई तो वह जज को जान से मार देगा। नैनीताल के मल्लीताल थाने में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 386 और 504 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। चूंकि पत्र में किसी का नाम नहीं था, इसलिये पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी। नैनीताल से पुलिस की एक टीम बिलासपुर पहुंची। उसने सेंट्रल जेल और डाक घरों में दस्तावेजों की जांच शुरू की। सेंट्रल जेल से बाहर गई चिट्ठियों की जानकारी जुटाई गई। साथ ही बिलासपुर के डाकघरों से उत्तराखंड भेजी गई चिट्ठियों का पता लगाया गया। यहां सेंट्रल जेल में डकैती की सजा काट रहे पुष्पेंद्र चौहान का फिर इस पत्र में हाथ पाया गया है। वह पहले इस तरह की धमकी भरी चिट्ठियां कई महत्वपूर्ण लोगों को लिख चुका है। इनमें तेलंगाना के चीफ जस्टिस, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री और कई अधिकारी शामिल हैं। सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि नैनीताल पुलिस संबंधित मामले में कानूनी कार्रवाई कर रही है।

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