रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहु और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नि डॉ. ऋचा जोगी ने मुंगेली जिला स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति को जवाब भेज दिया है। 8 अक्टूबर को ऋचा जोगी की जाति मामले की प्रथम सुनवाई के दौरान दिए गए पत्र का उन्होंने सोमवार को समिति को जवाब भेजा है। ऋचा ने अपने जवाब में कहा है कि 8 अक्टूबर को समिति द्वारा उन्हें 29 सितम्बर को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और उनके विरुद्ध की गई शिकायत की प्रति उपलब्ध करवाई गई जिसके लिए वे समिति सदस्यों की आभारी है। डॉ. जोगी ने कहा है कि 8 अक्टूबर को समिति द्वारा उनसे आवेदन की मूल प्रति मांगी गई थी। उन्होंने आवेदन चॉइस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन किया था।

चॉइस सेंटर के कर्मचारी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज दिखाने के बाद कर्मचारी द्वारा यह फॉर्म ऑनलाइन भरा गया था। डॉ. ऋचा जोगी के भाई ने समिति का पत्र मिलने के तुरंत बाद मुंगेली कलेक्टर के समक्ष ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध करवाने का आवेदन दिया था। उनके भाई ने स्वयं के जाती प्रमाण पत्र के लिए भी चॉइस सेंटर से आवेदन किया था। कलेक्टर मुंगेली को दिए गए आवेदन में डॉ. जोगी के भाई ने स्वयं के आवेदन से सम्बंधित दस्तावेज भी मांगे हैं, लेकिन आज तक उन्हें मुंगेली कलेक्टर कार्यालय से दस्तावेज नहीं मिले हैं।

डॉ. ऋचा जोगी ने कहा कि समिति द्वारा भेजे गए पत्र में उनसे 1950 से पहले का राजस्व दस्तावेज (मिसल) और 2 जून 1940 के बिक्रीनामे की मूलप्रति मांगी गई थी। डॉ. जोगी ने  सभी रिकॉर्ड की सत्यापित प्रति समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दी थी। सभी मूल दस्तावेज बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार के पास जमा हैं, जिन्हें लेने उनके भाई गए थे। लेकिन बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक बंद है जिस वजह से उन्हें यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।  डॉ. जोगी ने मांग की है कि उन्हें ये सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए 7 दिनों का और समय दिया जाए। डॉ. ऋचा जोगी ने यह भी लिखा है कि समिति द्वारा उन्हें शिकायत की जानकारी 8 अक्टूबर को ही दी गई और सिर्फ 4 दिन बाद 12 अक्टूबर को अगली सुनवाई रख दी जिसमें भी बीच में 2 दिन शनिवार-इतवार गैर कार्यदिवस थे। इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए जरूरी दस्तावेज अभी तक नहीं मिल पाए हैं। डॉ. जोगी ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को देखते हुए उन्हें खुद का पक्ष रखने के लिए न्यायोचित समय दिया जाना चाहिए। इसलिए समिति को आज की मीटिंग स्थगित करके उन्हें कम से कम 10 दिनों का समय देना चाहिए।

डॉ. जोगी ने मांग की है कि नियमों के तहत समिति को उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई और वीडियोग्राफी में गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर भी देना चाहिए। क्योंकि वे 2 माह के बच्चे की माँ हैं, जिसे लगातार ब्रेस्टफीड और मातृत्व केयर की जरूरत है तथा कोरोना महामारी को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन और आईसीएमआर की गाइडलाइन्स के अनुसार 10 दिनों बाद समिति द्वारा चिकित्सकीय निगरानी में कोरोना फ्री माहौल में उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाए।

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