बिलासपुर। नवगठित गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिला आज 10 फरवरी को अस्तित्व में आ गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधिवत जिले का शुभारंभ किया। नये जिले के आकार लेने की सुखद अनुभूति से सराबोर इस आदिवासी अंचल के लोगों में भारी उत्साह है।

नये जिले गठन से यहां निवास करने वाले सभी वर्ग के लोग प्रसन्न हैं। व्यापारी, मजदूर, अधिवक्ता, किसान, महिलाएं, युवा, बच्चे, बुजुर्ग सभी इस खुशी में शामिल होने के लिये बड़ी संख्या में आज उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। लोगों का अपार जनसमूह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत करने उमड़ पड़ा। उन्होंने एक वर्ष के भीतर इस क्षेत्र के नागरिकों के वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है।

पेण्ड्रा निवासी किसान और सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास तिवारी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों का सही दोहन, संरक्षण, संवर्धन किया जाना चाहिये, जिससे इस क्षेत्र का विकास तेजी से हो। उन्होंने बताया कि नये जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस दृष्टि से भी विकास होना चाहिये। इस क्षेत्र में सोन, अरपा, जोहिला, मलनिया, बम्हनी और तिपान नदियों का उद्गम स्थल है। जल स्त्रोतों का दोहन करने से संरक्षण व संवर्धन होने से भूजल स्तर बढ़ेगा।

अधिवक्ता मयूरा राठौर और संगीता सराफ ने कहा कि इस ऐतिहासिक मौके की साक्षी बनने के लिये वे अपने पेशे का काम रोककर यहां पहुंची है। जिला बनने से अब यहां जिला कोर्ट, विशेष न्यायालय, फैमिली कोर्ट भी बनेंगे। जिससे उन्हें बिलासपुर जाना नहीं पड़ेगा। वर्षों से क्षेत्र का विकास रुका हुआ था, उसमें तेजी आएगी। ठेकेदार राजकुमार सोनी और प्रदीप सोनी ने कहा कि उन्हें सरकारी कार्यालयों में अपना काम कराने के लिये महीने में 10 दिन बिलासपुर आना-जाना पड़ता था। अब सभी जिला कार्यालय यहां खुलेंगे, जिससे बिलासपुर जाने में होने वाली परेशानी से छुटकारा मिलेगा और वे अपने कार्यों पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।

ई-रिक्शा व्यवसायी भीष्म सिंह टिकरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नये जिला की सौगात देकर इस दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के विकास के दरवाजे खोले हैं। अब उनके नगर का भी विकास अच्छी तरह होगा। इसके लिये यहां के निवासी मुख्यमंत्री के सदैव आभारी रहेंगे।

 

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