बिलासपुर। 2500 रुपये क्विंटल में धान खरीदी करने के लिए नियम इस बार बेहद कड़े किये जा रहे हैं। उद्देश्य बताया गया है कि किसान अपनी वास्तविक उपज को ही सोसाइटी लाये, किसी और की फसल को अपने खाते से न बेच दे। इसके अलावा गौठानों में चारे की समस्या भी इन किसानों के जरिये ही दूर करने की कवायद हो रही है, उन्हें पैरा दान करने के लिए कहा गया है।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में पूरा फोकस धान खरीदी और अवैध धान परिवहन को लेकर पर ही था। राज्य सरकार से आये दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए डॉ. अलंग ने बताया कि कोई किसान जितना धान बेचना चाहता है, उसका टोकन उसे लेना पड़ेगा। इस टोकन के हिसाब से ही किसान अपनी उपज बेच पायेगा लेकिन साथ ही सोसायटी के कर्मचारी किसान के खलिहान में जाकर देखेंगे कि जितना टोकन किसान ने लिया है वास्तव में उतनी पैदावार उसकी है या नहीं। खलिहान में नजरी आकलन के बाद ही तय किया जायेगा कि किसान के पास वास्तविक उपज कितनी है और उतना ही धान उनसे खरीदा जायेगा। दूसरी कड़ी शर्त यह रखी गई है कि किसान धान लेकर सोसाइटी में आये तो उसे साथ ही पैरा भी लेकर आना पड़ेगा। इस पैरे का इस्तेमाल गौठानों में गायों के लिए किया जायेगा, जिसे दान के रूप में लिया जायेगा। यानि इसकी कोई कीमत नहीं दी जायेगी। शासन का आदेश है कि दान करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाये। मालूम हो कि धान की बोरियों का परिवहन की तरह पैरे का परिवहन आसान नहीं है। यह किसी भी वाहन में ज्यादा जगह घेरता है। दान से मिलने वाले पैरे का परिवहन खर्च मिलेगा या नहीं यह भी आदेश में नहीं बताया गया है। पैरा किसानों को गौठानों में ले जाकर डम्प करना है। पैरा लाना अनिवार्य है या नहीं इस पर भी कोई निर्देश नहीं है। किसानों को पैरा दान करने के लिए जागरूक करने का निर्देश इस बैठक में अवश्य दिया गया है।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने बैठक में कहा है कि पिछली बार से ज्यादा अवैध परिवहन के मामलों को पकड़ा जाये। यानि इस बार ज्यादा गंभीरता और मुस्तैदी से अफसरों को कार्रवाई करनी होगी। इसी का असर है कि जिले में मध्यप्रदेश के रास्ते से आने वाले धान को रोकने के लिए पेंड्रा, गौरेला, मरवाही आदि में दर्जन भर से ज्यादा चेक पोस्ट बनाये गये हैं। हर रोज कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया है। ऐसे में अधिकारी वे धान भी जब्त कर रहे हैं जिसे स्थानीय किसानों से स्थानीय मिलरों या बिचौलियों के पास बेच दिये हैं। जब्ती के मामलों में सख्ती भी पहले से ज्यादा की गई है। न केवल धान जब्त किया जायेगा बल्कि इस बार धान ढोने वाले वाहन पर मोटर व्हिकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। जिन वाहनों को पहले के वर्षों में भी पकड़ा जा चुका है उन्हें ज्यादा कड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

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