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फिजियोथेरैपी पर पहला नेशनल कांफ्रेंस, नई चिकित्सा तकनीक पर चिकित्सकों ने अनुभव बांटे

फिजियोथेरैपी पर नेशनल कांफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए अतिथि।

बिलासपुर। अपोलो अस्पताल की ओर से फिजियोथेरैपी पर छत्तीसगढ़ के पहले नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन रविवार 8 दिसम्बर को किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं ने नई चिकित्सा तकनीक तथा फिजियोथेरैपिस्ट के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईएमए प्रेसिंडेंट डॉ. के.के. जायसवाल थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. प्रशांत चतुर्वेदी सीएमएचओ प्रमोद महाजन भी उपस्थित थे। अपोलो हास्पिटल के फिजियो थेरैपिस्ट विभाग के डॉ. विक्रम साहू और अन्य वक्ताओं ने कांफ्रेंस के महत्व पर प्रकाश डाला।

अपोलो अस्पताल के सीओओ डॉ. सजल सेन ने कहा कि इस तरह के आयोजन से मरीजों को लाभ मिलता है। यह छत्तीसगढ़ का पहला नेशनल कांफ्रेंस है और यह छत्तीसगढ़ के फिजियोथेरैपिस्ट के लिए आयोजित किया गया है ताकि सम्बन्धित लोगों तक नवीनतम जानकारी पहुंच सके।   अपोलो अस्पताल के इंटरनल केयर यूनिट के सीनियर कंसलटेन्ट डॉ. मनोज राय ने बताया कि आईसीयू में फिजियो थेरैपिस्ट की क्या अहम् भूमिका है। एम्स दिल्ली से पहुंचे डॉ. राजीव अग्रवाल ने वेंटिलेशन को ऑपरेट करने व मरीज को वेंटिलेटर से बाहर लाने में फिजियो थेरैपी की भूमिका पर प्रकाश डाला। अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसलटेन्ट डॉ. गौरीशंकर असाटी ने बताया कि किसी मरीज के लिए फिजियो थेरैपी के द्वारा रिहेबिलेटेशन कितना जरूरी होता है।

इसी प्रकार डॉ. विक्रम साहू, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. आर.एल. भांजा, डॉ. अजय फौजदार जबलपुर ने फिजियो थेरैपी के महत्व पर प्रकाश डाला।  रायपुर के डॉ. प्रफुल्ल बानी ने लकवा स्ट्रोक में फिजियो थेरैपी से किये जाने वाले इलाज पर विचार रखा। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल दिल्ली की डॉ. सीमा ग्रोवर ने कैंसर के इलाज के दौरान मांस पेशियों में आने वाली कमजोरियों को ठीक करने में फिजियो थेरैपी के महत्व को बताया। डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. ए भट्टाचार्य आदि चिकित्सकों ने फिजियोथेरैपी पर महत्वपूर्ण विचार रखे।

 

 

 

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