बिलासपुर। बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू करने की मांग पर चला आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक चलेगा, जब तक बिलासा एयरपोर्ट को 4सी कैटेगरी की सुविधा नहीं मिल जाती।

समिति की ओर से सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि समिति ने साप्ताहांत शनिवार और रविवार दो दिन सुबह 10 से 12 बजे तक धरना देने का निर्णय लिया है। धरना स्थल भी वही राघवेन्द्र राव सभा भवन परिसर होगा। उन्होंने शहरवासियों से भी पहले की तरह इस आंदोलन से जुड़ने की अपील की है।

ज्ञात हो कि संघर्ष समिति ने आंदोलन के दौरान ही 4सी कैटेगरी के लिये संघर्ष करने का निर्णय लिया था ताकि बिलासपुर में बोइंग विमान, एयरबस आदि बड़े विमानों का उड़ान संभव हो सके। कल एक मार्च को हुए 3सी कैटेगरी की उड़ानों के दौरान अतिथियों की ओर से इस सम्बन्ध में कोई आश्वासन नहीं दिया गया था।

हवाई सेवा संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासपुर अब अन्तरराज्जीय हवाई सेवा के नक्शे में आ गया जिससे तीन राज्य मध्यप्रदेश,  उत्तरप्रदेश और दिल्ली के लिये सीधी हवाई सेवा उपलब्ध है।

समिति के सदस्यों ने कल एक मार्च को हवाई सेवा के शुभारंभ अवसर पर बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भागीदारी की गई और विभिन्न अवसरों पर तालियां बजाकर उत्साह प्रकट किया। समिति की ओर से नारायण आवटी, अशोक भण्डारी, बद्री यादव, समीर अहमद, मनोज तिवारी, मनोज श्रीवास, संजय पिल्ले, कमल सिंह, ब्रम्हदेव सिंह, गोपाल दुबे, अमित नागदेव, केशव गोरख संतोष पीपलवा, पप्पू तिवारी, पवन पाण्डेय, शालिकराम पाण्डेय, अभिषेक चौबे, रामाबघेल, विभूतिभूषण गौतम, चित्रकांत श्रीवास, बबलू जार्ज, दिनेश निर्मलकर, रघुराज सिंह, विजय वर्मा, स्वर्णा शुक्ला, जुही जैन, सीमा पाण्डेय, सीएल मीणा, और सुदीप श्रीवास्तव आज के उदघाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि 3 मांगों (3सी एयरपोर्ट, महानगरों तक उड़ान और 4सी एयरपोर्ट की मंजूरी) को लेकर प्रारंम्भ किए गए जन आंदोलन की प्रथम दो मांगें एक तरह से पूरी हो गयी है। दिल्ली के अलावा अन्य महानगरों तक उड़ानों के प्रस्ताव भी विचाराधीन है। परन्तु 4सी एयरपोर्ट जहां पर बोईंग और एयरबस विमान उतर सके की मंजूरी के मसले विशेष प्रगति नहीं हुई है। इस मार्ग की सबसे बड़ी बाधा सेना के कब्जे में एयरपोर्ट के चारो ओर की 1000 एकड़ जमीन का होना है जिसमें से लगभग 200 एकड़ जमीन एयरपोर्ट के रन वे विस्तार के लिये आवश्यक है। इस स्थिति को देखते हुए समिति अपने जनसंघर्ष को जारी रखने के फैसले पर कायम है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here