जस्टिस मिश्रा, भादुड़ी, श्रीवास्तव व साहू भी हुए शामिल

बिलासपुर। त्वरित न्याय की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए आज का दिन खास रहा। मुख्य न्यायाधीश ने आज देश का पहला मोबाइल एप ‘न्याय’ लांच किया गया, जिसमें पीड़ित पक्ष को शीघ्र न्याय के लिए जरूरी सभी सूचनाएं पलक झपकते हासिल हो सकती है। इसके साथ ही जिला न्यायालय परिसर में एडीआर सेंटर का उद्घाटन किया गया है, जो राजनांदगांव के बाद प्रदेश में दूसरा है।

जिला न्यायालय बिलासपुर परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक समाधान केन्द्र का उद्घाटन बुधवार की शाम किया गया। यह भवन जिला कोर्ट परिसर में तैयार किया गया है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.आर. रामचंद्र मेनन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के न्यायाधीश व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशान्त कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस मौके पर जस्टिस गौतम भादुड़ी, जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, जस्टिस पी.पी. साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। न्यायाधीशों ने इस मौके पर देश के पहले मोबाइल एप ‘NYAY’ भी लांच किया। यह पूरे देश में न्याय सुलभ कराने के लिए तैयार किया गया पहला मोबाइल एप है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जस्टिस मेमन ने कहा कि पीड़ित पक्ष को तत्काल व  समय पर न्याय दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकरण लम्बे समय तक अदालतों में चलते हैं जिससे पक्षकार कुंठित हो जाते हैं। आज यहां उद्घाटित एडीआर बिल्डिंग (वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र) ऐसे पक्षकारों के लिए लाभकारी होगा। इस भवन में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगीं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लांच किया गया ‘न्याय’ ऐप भी न्याय के क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि यह दिन गौरवशाली है जिसमें कार्यक्रम को अविस्मरणीय बनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश उपस्थित हुए हैं। उन्होंने बताया कि ‘न्याय’ ऐप भारत का पहला मोबाइल एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से विधिक सेवा की योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है। इसमें सभी आवेदन पत्र, कार्यालयों के नाम-पते, दूरभाष नंबर उपलब्ध हैं। साथ ही ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर हैं, जिनके बारे में सामान्य तौर पर पूछा जाता है। उन्होंने अधिवक्ताओं से यह ऐप डाउनलोड करने की अपील की और कहा कि इससे पीड़ितों को न्याय के क्षेत्र में आगे बढ़ने का रास्ता मिल सकेगा। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि अधिवक्ताओं के व्यवसाय का एक हिस्सा सेवा करना भी है। एक उदाहरण देते हुए जस्टिस मिश्रा ने बताया कि लीगल एड के जरिये एक बंदी को कैसे सहायता मिल सकी, जो लम्बे समय तक अपील पर नहीं जा सका था। उन्होंने अधिवक्ताओं से न्याय सबके लिए नारे को सार्थक करने की अपील की और कहा कि इससे आपको दुआ तो मिलेगी ही लाभान्वित व्यक्ति आपका प्रचार भी करेगा।

इस मौके पर जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सूचना एवं संचार के युग में मोबाइल एप के जरिये पीड़ितों तक पहुंचना एक महत्वपूर्ण कदम है। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि एडीआर भवन सिर्फ ईंट पत्थरों का निर्माण नहीं बल्कि जरूरतमंदों को शीघ्र न्याय दिलाने का स्थल है।

स्वागत भाषण जिला न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एनडी तिगाला ने दिया। न्याय मोबाइल एप के बारे में हाईकोर्ट के कम्प्यूटर सेंटर के रजिस्ट्रार शहाबुद्दीन कुरैशी ने जानकारी दी। राज्य प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार जनरल नीलम चंद सांखला, न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर के एल चरियाणी, रजिस्ट्री विभाग के अन्य अधिकारी, न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

 

 

 

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