कांग्रेस विधि विभाग अध्यक्ष ने स्वागत किया, महाधिवक्ता ने भी लिखा था पत्र

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिंल ने कोरोना संकट काल में आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं की सहायता के लिए 45 लाख रुपये की प्रथम किश्त की राशि स्वीकृत की है, जो उनके खातों में 10 जून को ट्रांसफर कर दी जायेगी।

छत्तीसगढ़ विधिज्ञ परिषद् की ओर से बताया गया है कि आज शाम हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। परिषद् ने अधिवक्ताओं से आवेदन मंगाये थे। पात्र आवेदनों पर आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया। पात्रता के निर्धारण व आवेदनों की स्वीकृति भारतीय विधिज्ञ परिषद् से ली गई। परिषद् ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन से सहायता राशि के लिए कई बार आग्रह किया गया लेकिन कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। महाधिवक्ता से सम्पर्क किया गया इसका भी परिणाम नहीं निकला। अब परिषद् फिर से मुख्यमंत्री और विधि मंत्री को स्मरण पत्र भेजकर सहायता राशि व अधिवक्ता के कल्याण के लिये अन्य मांगों को रखा जायेगा।

मालूम हो कि अदालतों के बंद होने के कारण जरूरतमंद अधिवक्ताओं को सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिए बार कौंसिल के समक्ष अधिवक्ताओं द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही थी। इसे लेकर एक याचिका भी हाईकोर्ट में दायर की गई थी। छत्तीसगढ़ विधि कांग्रेस के अध्यक्ष संदीप दुबे ने बताया कि प्रदेश भर से आज सौ से अधिवक्ताओं ने स्टेट बार कौंसिल के पदाधिकारियों को पत्र भेजकर सहायता राशि जारी करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने स्टेट बार कौंसिल से 6 मई को ही कहा था कि वे महाधिवक्ता के माध्यम से राज्य शासन को प्रस्ताव भेजें पर उसने नहीं भेजा। कौंसिल की इस घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उनके प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि जरूरतमंद अधिवक्ताओं की सहायता के लिए कुछ करेंगे।

छत्तीसगढ़ बार कौंसिंल द्वारा अधिवक्ताओं की सहायता के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार प्रस्ताव नहीं मिलने पर हाल ही में महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने भी बार कौंसिल को पत्र लिखा था और जल्द ही प्रस्ताव देने की मांग की थी। इसके बाद अधिवक्ताओं के लिए सहायता राशि की पहली किश्त स्वीकृत की गई है।

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