जिले में 477 बच्चों की शिक्षा में पूरी मदद सरकार की, छात्रवृत्ति भी मिल रही

बिलासपुर। कोविड-19 महामारी से बेसहारा हुए बच्चों के लिए महतारी दुलार योजना सहारा बनी है। इसका लाभ ले रहे जिले के 477 बच्चों की शिक्षा में अब आर्थिक बाधा नहीं है।

विभिन्न वर्गों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनके माध्यम से निर्धन छात्र-छात्राओं को आर्थिक मदद दी जाती है ताकि वे बिना किसी परेशानी की अपनी पढ़ाई कर सके। कोविड महामारी के कारण कई घरों में माता या पिता या दोनों की ही मृत्यु हो गई है। परिवार के मुख्य सदस्य की मृत्यु से बच्चों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया। जिन बच्चों ने अपने माता पिता को महामारी के कारण खो दिया, उनके लिए राज्य सरकार ने महतारी दुलार योजना शुरू की।

योजना के तहत इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ साथ छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। कक्षा 1 से  8 तक के बच्चों को 500 रुपए प्रतिमाह एवं कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रुपए छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके अलावा निजी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। यदि बच्चा निजी स्कूल में अध्ययन नहीं करना चाहता तो उनको सरकार द्वारा संचालित स्वामी आत्मांनद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिले में प्राथमिकता दी गई है। सरकारी शालाओं में भी इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। योजना के प्रावधान अनुसार स्कूल शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए भी उनको प्रोत्साहन दिया जाएगा। होनहार छात्रों को व्यवसायिक पाठयक्रम में प्रवेश लेने कोचिंग की सुविधा भी दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जिले में कक्षा 1 से 12वीं तक के 477 बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें से 53 बच्चें स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडयम स्कूल में पढ़ रहे है। राज्य छात्रवृत्ति के नियमानुसार 10 माह की गणना के आधार पर बच्चों को 53 लाख 20 हजार रुपए की छात्रवृत्ति का भुगतान भी कर दिया गया है। कक्षा पहली से 5वीं तक 181 बच्चे योजना से लाभान्वित होंगे है। जिनमें 43 बच्चे शासकीय व 138 अशासकीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक के 109 बच्चों को महतारी दुलार योजना का सहारा मिला है। इनमें 26 बच्चे शासकीय व 83 अशासकीय शालाओं में पढ़ रहे है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 187 बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी योजना की तहत ली गई है, जिनमें से 119 अशासकीय एवं 66 बच्चे शासकीय शालाओं में पढ़ रहे हैं। कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक मुश्त 10 माह की छात्रवृत्ति 9 लाख 5 हजार रुपए प्रदान किए गए हैं। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों को 5 लाख 22 हजार रुपए और 9वीं से 12वीं तक बच्चों को 18 लाख 70 हजार रुपए की छात्रवृत्ति एक मुश्त उनके खाते में भेजी गई है।

 

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