बिलासपुर, 7 जुलाई। जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सत्ता और विपक्षी विधायक विधानसभा में जोरदार तरीके से सवाल उठाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। विपक्षी विधायकों की कोशिश रहेगी कि जिले की स्थिति के बहाने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। चर्चा तो इस बात की भी है हो रह है कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी चार के अध्यक्ष मोती थावरानी की पुलिस ने जिस अंदाज  में गिरफ्तारी की और जेल भेजा। उसे लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाया जाएगा। सवालों के जरिए सरकार को घेरने और जिले की पुलिसिंग की व्यवस्था  पर भी सवाल उठाए जाएंगे। यातायात पुलिस और  ब्लाक अध्यक्ष थावरानी के बीच सार्वजनिक रूप से हुए विवाद की घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर अब भी शहर में चर्चा का बाजार गर्म है। सत्ताधारी दल के एक धड़े में यह सवाल अब भी उठ रहा है कि पुलिस के सामने आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि थावरानी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम महाराष्ट भेजनी पड़ी। तारबाहर थाने में शहर विधायक शैलेष पांडेय ने इस तरह के सवाल उठाए भी थे। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान भी उठाया था। 26 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हो रहा है। विधानसभा सत्र की शुरूआत की खबर के साथ ही एक बार फिर अटकलबाजी का दौर शुरू हो गया है। चर्चा इस बात की हो रही है कि सत्ता के अलावा विपक्षी विधायक भी जिले की कानून व्यवस्था के सवाल पर सरकार को घेरने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जिले की कानून व्यवस्था को लेकर विधायकों ने तीखे सवाल दागे है। हत्या, चोरी और दुष्कर्म की हो रही घटनाओं को लेकर जनप्रतिनिधियों ने जहां चिंता जाहिर की है। वहीं कानून व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठाए हैं। विधायकों की मानें तो इस मुद्दे पर सदन में तीखी बहस होने की संभावना है।

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