बिलासपुर। ग्रामीण मोबाइल मेडिकल यूनिट के संचालन में गड़बड़ी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने के लिये कहा है।

रायपुर के संजय तिवारी ने अधिवक्ता हरि अग्रवाल के माध्यम से दायर पीआईएल में कहा है कि ग्रामीण मेडिकल मोबाइल यूनिट का संचालन प्रदेश के 16 जिलों में संचालन टेंडर के मुताबिक पांच साल के लिये जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेस की ओर से सम्मान फाउन्डेशन द्वारा किया जा रहा है। इसमें एम्बुलेंस खड़ी रखी जाती है और ग्रामीणों को शर्तों के मुताबिक घर पहुंच सेवायें नहीं दी जा रही हैं।

जुलाई 2020 में शिकायत होने पर नोडल अधिकारी ने जांच की थी जिसमें अनेक गड़बड़ियां सामने आई थीं। प्रत्येक एम्बुलेंस में एमबीबीएस डॉक्टर व नर्सिंग टीम होना था पर ड्यूटी होम्योपैथी और डेंटल चिकित्सकों से लिया जा रहा है। जिन गाड़ियों को चलना बताया गया है वे खड़ी मिली है। जीपीएस बिलिंग 787 दिन की गई, जबकि लोकेशन सिर्फ 319 दिन का मिला है। प्रतिदिन औसत 30 मरीजों का इलाज करना है वह भी नहीं किया गया। एम्बुलेंस 2017 से ज्यादा पुरानी पाई गई और उनमें पर्याप्त उपकरण भी नहीं मिले।

याचिका में कहा गया कि शर्तों के अनुरूप संचालन न कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और नोडल अधिकारी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने ठेका कम्पनी के अलावा राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने कहा है।

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