रायपुर। विधानसभा में कोरोना को लेकर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवासी मजदूरों की वजह से प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने से इंकार किया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हमारी सलाह नहीं मानी. भारत सरकार के गलत फैसले से राज्य में कोरोना बढ़ा है. हम केवल सुझाव दे सकते है. आप सुझाव दिजिए हम भारत सरकार को भेज देंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नेशनल डिसास्टर एक्ट लगा है. सब दिल्ली से तय हो रहा है. गाइड लाइन से इतर कोई योजना नहीं बना सकते. जैसे-जैसे रिलैक्सेशन देते गए, हम वैसे-वैसे करते गए. मज़दूरों को अनुमति नहीं दी. हमने कई बार कहा, भारत सरकार के गाइड लाइन को A to Z लागू कर रहे हैं. कोटा के मसले पर केंद्र ने कहा कि अनुमति नहीं देंगे. लाना है तो ले आओ. श्रमिक ट्रैन चला रहे हैं भारत सरकर ने उसमें भी पैसे कमाए.

वहीं क्वारेंटाइन सेंटर में हुई मौतों को हत्या कराए दिए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह नहीं कहना चहिये. बहुत ही आपत्तिनजक है. सरकार दिन-रात लगी है. कोरोना के बारे में फोकस करते हैं. हर संभव प्रयास के बाद भी ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. हम डेढ़ से ढाई लाख का अनुमान लग रहे थे. हमने और मुख्यमंत्री ने काफी चर्चाएं की हैं.

उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति के चलते काम मे कमी पड़ी हो ऐसा नहीं है. मानवीय कमी हो सकती है. हर वीसी में प्रधानमंत्री के साथ बैठक में मैं था. हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि लैब तैयार करिए. आज हर मेडिकल कॉलेज में टेस्टिंग की सुविधा है. एमसीआई से पहले ही सभी मेडिकल कॉलेज में लैब स्थापित होंगे, प्रकिया शुरू हो गई है.

टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोरोना के बारे में जल्द ही वह स्थिति आएगी कि क्वारेंटाइन सेंटर तक सीमित हो गया है. क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन के लिए 113 करोड़ रुपए दिए गए. यह राज्य का अधिकार होता है. अलग से कोई राशि नहीं दी है. 13.31 करोड़ रुपए पीएम रिलीफ फण्ड से आए हैं. 37 करोड़ रुपये राज्य ने खर्च किये हैं. 46 करोड़ रुपए डीएमएफ के हैं. उन्होंने बताया कि 80 डॉक्टर के अलावा पारा मिलिट्री फ़ोर्स से 2224 और 141 कैदी कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गाइड लाइन से बाहर नहीं जा सकते. सबसे ज्यादा चिंता रायपुर की है. 80 प्रतिशत मृत्यु हुई है. इन जगहों पर व्यवस्था करनी है. आज वैश्विक मृत्यु 1.84 प्रतिशत मृत्यु दर है, वहीं भारत में 0.94 प्रतिशत है. सबके सुझाव आते हैं. मुख्यमंत्री रोज़ मोनिटरिंग करते हैं. बड़े राज्यों में इस स्थिति से निकल जाएंगे. 95% से ज़्यादा डिस्चार्ज रेट आ जायेगा. 20 हज़ार टेस्ट का लक्ष्य रखा है.

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