बिलासपुर। जांजगीर-चांपा जिले के शासकीय महाविद्यालय डभरा में अतिथि व्याख्याता के पद पर पदस्थ वर्षा सूर्यवंशी को नियमित सहायक अध्यापक आने से हटा दिया गया। इस पर लगाई गई उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनके लिए पुनः व्यवस्था बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता इतिहास विषय के पद पर वर्ष 2017 में हुई थी। वह तब से लेकर मार्च 2022 तक महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य कर रही थी। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर की नियमित भर्ती कर दिए जाने के कारण वर्षा सूर्यवंशी की सेवा समाप्त कर दी गई। सेवा समाप्ति से  परिवेदित होकर वर्षा सूर्यवंशी ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, नरेंद्र मेहर और दीक्षा गौराहा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। याचिका की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोसी के कोर्ट में हुई। याचिका में यह आधार लिया गया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति अतिथि व्याख्याता के पद पर वर्ष 2017 में हुई। तब से लेकर वह अनवरत सेवा दे रही थी लेकिन शासन की ओर से कोई समुचित पहल किए बिना ही सीधी भर्ती पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की मांगों पर शासन द्वारा विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने शासन को न्याय पूर्ण ढंग से अतिथि व्याख्याता का पुनः व्यवस्थापन कर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण का निर्देश दिया है।

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