केन्द्र, राज्य शासन के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता ने केन्द्र से सब्सिडी की मांग पर ध्यान दिलाया

बिलासपुर। उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस पी.वी.राम चन्द्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की खण्डपीठ में बिलासपुर में हवाई सुविधा से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उम्मीद जताई है कि चार सप्ताह के भीतर चकरभाठा एयरपोर्ट के लिये 3सी लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा।

हाईकोर्ट में पत्रकार कमल दुबे और हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसियेशन के अध्यक्ष संदीप दुबे द्वारा बिलासपुर में हवाई सुविधा के लिए 2017 से जनहित याचिकाएं लगाई गई हैं और इनमें समय-समय पर आवश्यक निर्देश उच्च न्यायालय ने जारी किए है।

चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की बेंच में आज की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने बताया कि डीजीसीए द्वारा एयरपोर्ट का निरीक्षण कर लिया गया है और अब उसे आगे की कार्रवाई करनी है। केन्द्र सरकार की ओर से उपस्थित एएसजी रमाकांत मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह डीजीसीए को रिपोर्ट मिल जायेगी और उसमें कोई कमी होने पर एक सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ शासन को अवगत करा दिया जायेगा। सब ठीक होने पर अधिकतम चार सप्ताह में एयरपोर्ट के लिये 3सी लाइसेंस जारी होगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से आशीष श्रीवास्तव और सुदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि फ्लाई बिग एयरलाईंस ने बिलासपुर से महानगरों तक उड़ान प्रारम्भ करने में रूचि दिखाई है। हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार की ओर से प्रस्तुत याचिका में आज एक आवेदन प्रस्तुत कर फ्लाई बिग के द्वारा बिलासपुर से उड़ान प्रारंम्भ करने के लिए दिए गये प्रस्ताव की प्रति प्रस्तुत की गई। इसके अनुसार वीजीएफ सब्सिडी के लिए उड़ान योजना में 600 कि.मी की बाध्यता समाप्त किया जाना आवश्यक है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि केन्द्र सरकार के पास वीजीएफ के लिए अलग से फंड है इसलिए यह सब्सिडी उपलब्ध कराना उनकी जिम्मेदारी बनती है।

सुनवाई के पश्चात् अपने आदेश में हाई कोर्ट ने उम्मीद जताई कि चार सप्ताह में बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी लाइसेंस मिल जायेगा। आदेश में याचिकाकर्ताओं की ओर से एएआई के द्वारा भ्रामक जानकारी प्रस्तुत किये जाने के आरोप का उल्लेख करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वह वर्तमान में इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है क्योंकि प्राथमिकता एयरपोर्ट को 3सी लाइसेंस मिलना है। उड़ान सबंधी अन्य विषय आगे की सुनवाई में निर्धारित किये जाएंगे। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

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