होम संचालक सहित दोनों पक्षों के खिलाफ सरकंडा पुलिस ने अपराध दर्ज किया, तीन युवतियों को घर के लिये छोड़ा गया

बिलासपुर। निराश्रित महिलाओं के आश्रम उज्ज्वला गृह में कल रात हुए हंगामे को लेकर राज्य महिला आयोग ने बिलासपुर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। जांच अधिकारी सीएसपी निमिषा पांडेय को बनाया गया है। वे 28 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी।

रविवार की घटना में पुलिस ने आश्रम के संचालक सहित दोनों पक्षों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। आश्रम की तीन लड़कियों को उनके घर वापस भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक पांच युवतियों से बयान लिया गया है। नशीली दवा देने और दुष्कर्म के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। इनमें से तीन लोगों को उनकी इच्छा के अनुरूप घर भेज दिया गया है।

शनिवार की शाम चिंगराजपारा की एक 20 वर्षीय युवती राजकिशोरनगर में भटक रही थी। लोगों ने उसे बदहवास देखकर पूछा तो बताया कि वह अपने पति से झगड़ा कर घर से निकल आई है और कहीं पर रहने का ठिकाना ढूंढ रही है। लोगों ने उन्हें पास ही स्थित उज्ज्वला होम भेज दिया। होम की अधीक्षिका आरती ने उसे रुकने की अनुमति दे दी और फोन पर उसके पति से बात कराई। जानकारी के मुताबिक फोन पर भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ। रविवार की शाम उक्त युवती का पति अपने परिजनों के साथ उज्ज्वला पहुंचा और पत्नी को अपने साथ ले जाना चाहा। आश्रम संचालकों ने उससे आधार कार्ड और शादी का प्रमाण पत्र मांगा। इससे वह तैश में आ गया और अपने साथ आये लोगों के साथ उज्ज्वला होम में घुसकर अपनी पत्नी की तलाश करने लगा। इस बीच उसे प्रथम तल पर दो युवतियां मिलीं जिनमें से एक सामूहिक दुष्कर्म की हाल ही में शिकार हुई है दूसरी युवती का भी अपने पति से विवाद चल रहा है। दोनों ने इन लोगों से बातचीत की। इसके बाद नीचे आकर उसने संचालक पर आरोप लगाया कि युवतियां बता रही है कि यहां दुष्कर्म होता है, प्रताड़ित किया जाता है और नशे की गोलियां दी जाती है। अधीक्षिका ने इन्कार किया और उसे किसी भी हालत में उसकी पत्नी को साथ ले जाने से मना कर दिया। इसके बाद युवक और उनके परिजन सरकंडा थाने पहुंचे। उन्होंने आश्रम संचालकों के खिलाफ धारा 342 (किसी व्यक्ति को बलपूर्वक रोकने) तथा 294 (अश्लील गाली गलौच) की एफआईआर दर्ज कराई। युवकों ने वहां की युवतियों द्वारा लगाये गये आरोपों की जानकारी भी पुलिस को दी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकंडा से महिला पुलिस बल के साथ एक टीम उज्ज्वला होम पहुंची। सीएसपी निमिषा पांडे ने बताया कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए तीनों युवतियों से तथा दो अन्य से अलग-अलग पूछताछ की गई। उन्होंने अपने साथ देह व्यापार और दुष्कर्म होने से इन्कार किया लेकिन कहा कि उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है। किसी ने भी नशीली दवा देने के मामले की पुष्टि नहीं की। आज तीन युवतियों का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा के अनुसार उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

इधर उज्ज्वला होम के संचालक जितेन्द्र मौर्य की रिपोर्ट पर जबरन घुसने और गाली गलौच करने को लेकर दूसरे पक्ष के खिलाफ भी 456 व 294 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

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