बिलासपुर। गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर आज शाम भव्य नगर कीर्तन निकाला गया। सुबह सिख समाज के नवयुवकों ने बाइक रैली निकाली। गुरुनानक देव का संदेश को शहर के हर प्रमुख मार्गों तक पहुंचाया गया।

कार्यक्रम के मुताबिक आज सुबह 8 नवंबर को सुबह नौ बजे विशाल नगर कीर्तन यात्रा कवर्धा से निकली। पांडातराई, पंडरिया, फास्टरपुर, मुंगेली, तखतपुर होते हुए दोपहर दो बजे कीर्तन यात्रा श्री कलगीधर गुरुद्वारा 27 खोली पहुंची। नगर कीर्तन का पूरे रास्ते में जगह-जगह स्वागत किया गया। पंडरिया में भव्य स्वागत किया गया वहीं कुंडा की संगत ने स्वागत किया। सेतगंगा व फास्टरपुर में सिख समाज के लोगों के अलावा पंचायतों के प्रतिनिधियों, आम नागरिकों और स्काउट के छात्र-छात्राओं ने गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया। मुंगेली, नवागढ़, सम्बलपुर व लोरमी में भी संगत व नागरिकों ने स्वागत किया। तखतपुर में भी भव्य स्वागत किया गया।

नगर कीर्तन श्री कलगीधर गुरुद्वारा से दयालबंद के लिए निकला। यह कीर्तन देवकीनंदन चौक से पैदल गोंडपारा, सदरबाजार, गोलबाजार, सिटी कोतवाली चौक से तेलीपारा, पुराना बस स्टैंड, शिव टाकीज चौक, गांधी चौक होते हुए गुरुनानक स्कूल दयालबंद के खुले पंडाल में पहुंचा।

नगर कीर्तन के लिए शहर मे भव्य व ऐतिहासिक स्वागत द्वार बनाये गये थे। कीर्तन के मार्ग में सुंदर सजावट की गई थी। मार्ग में बच्चों ने गतका का प्रदर्शन किया। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और समितियों ने सिम्स चौक, गोंडपारा, सदर बाजार, गोलबाजार चौक व तेलीपारा में उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

गुरुनानक शिक्षण समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र चावला और उनकी पूरी टीम प्रकाश उत्सव में उल्लास के साथ योगदान दे रही है। गुरुनानक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नगर कीर्तन में बढ-चढ़कर भागीदारी निभाई। इसमे करीब 400 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। उन्होंने साउण्ड सिस्टम के साथ गुरुबानी, मूल मंत्र और वाहे गुरु का जाप एक कतार में चलते हुए किया। उन्होंने लंगर में भी योगदान दिया, जिसमें शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल थीं। नगर कीर्तन में शामिल स्काउट एंड गाइड के बच्चों ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया।

पंजाबी युवा समिति ने गांधी चौक पर भव्य स्वागत का कार्यक्रम रखा। पूरे चौक को गुब्बारों से सजाया गया था। यहां एलईडी स्क्रीन पर गुरुनानक देव जी की जीवनी व शबद कीर्तन चल रहा था। नगर कीर्तन पर यहां पुष्प वर्षा भी की गई। यहां आकर्षक आतिशबाजी भी की गई। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वागत कर प्रसाद वितरण भी किया।

नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। बच्चों ने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन भी किया। नगर कीर्तन में झांकियां, पारम्परिक नृत्य, बैंड बाजा, बग्घी, घोड़े तो थे ही छत्तीसगढ़ी नाच, सुआ नाच और पंथी नृत्य भी थे।

शाम को हुए कीर्तन समागम में मेहताब सिंह जालंधर, सरबजीत सिंह पटना साहिब, सतपाल सिंह दिल्ली, गुलशेर सिंह हजूरी रागी जत्था, ज्ञानी मान सिंह, ग्रंथी दयालबंद ने अपने कथा व कीर्तन से संगत को निहाल किया। सभी संगत निर्धारित ड्रेस कोड में शामिल हुए। महिलाओं के लिए केसरी दुपट्टा, सफेद सलवार सूट व केसरी जैकेट तय किया गया था साथ ही पुरुषों के लिए केसरी दस्तार, सफेद कुर्ता पायजामा व केसरी जैकेट तय किया गया है।

गुरुनानक शिक्षण समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र चावला और उनकी पूरी टीम प्रकाश उत्सव में उल्लास के साथ योगदान दे रही है। गुरुनानक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नगर कीर्तन में बढ-चढ़कर भागीदारी निभाई। इसमे करीब 400 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। उन्होंने साउण्ड सिस्टम के साथ गुरुबानी, मूल मंत्र और वाहे गुरु का जाप एक कतार में चलते हुए किया। उन्होंने लंगर में भी योगदान दिया, जिसमें शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल थीं। नगर कीर्तन में शामिल स्काउट एंड गाइड के बच्चों ने स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया।

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