बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मामले में पक्षकार बनाने के लिए दायर संतकुमार नेताम, समीरा पैकरा तथा नंदकुमार साय की याचिका को आज हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया। नेताम ने कहा है कि वे इसे लेकर ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने एक याचिका दायर कर उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके कंवर जाति के प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने इसी समिति के आदेश के मुताबिक सिविल लाइन थाने में कलेक्टर के आदेश पर दर्ज कराई गई एफआईआर को भी शून्य घोषित करने की मांग अपनी याचिका में की है। उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट तक की कार्रवाई संत कुमार नेताम द्वारा समय-समय पर आयोग, हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद आई है। नेताम ने आज अपने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से अजीत जोगी की याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिका दायर कर आवश्यक पक्षकार बनाने के लिए आवेदन दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि इस केस में नेताम ही मूल शिकायतकर्ता हैं इसलिए उन्हें इस केस में पक्षकार बनाया जाये। इसके अलावा पेन्ड्रा थाने में अजीत जोगी के पुत्र पूर्व विधायक अमित जोगी के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने वाली भाजपा नेत्री समीरा पैकरा तथा सन् 2003 में जोगी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नंदकुमार साय की ओर से भी उनके अधिवक्ताओं ने आज पक्षकार बनने के लिए आवेदन लगाया था। कोर्ट ने उनके आवेदनों पर विचार करने के बाद नामंजूर कर दिया।

जोगी मामले के शिकायतकर्ता संतकुमार नेताम ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं से चर्चा की है। चूंकि वे ही प्रारंभिक शिकायतकर्ता हैं और सारे तथ्यों से अवगत हैं इसलिये पक्षकार बनने के लिए वे ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।

 

 

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