बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपील अधिकारी ग्रेजुएटी एवं कंट्रोलिंग अथॉरिटी के अपील अधिकारी के उस आदेश पर स्थगन दे दिया है जिसमें शासन को ब्याज सहित अंतर की राशि देने कहा गया था।

जांजगीर के जल संसाधन संभाग में  सदानंद मानिकपुरी, रंजन दास, मदन कुमार मिश्रा, बाबूलाल साहू साहू, संतोष कुमार मिश्रा एवं अन्य की नियुक्ति दैनिक वेतनभोगी के रूप में विभिन्न पदों पर की गई थी। बाद में उनका नियमितीकरण हुआ और अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने पर उनको सेवानिवृत्त किया गया। साथ ही साथ उनके सेवाकाल को 30 से 33 वर्ष मान्य करते हुए राज्य सरकार के पेंशन नियम के अधीन 3 से 7 लाख रुपये पदान किए। उनके द्वारा उपादान अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत ग्रेजुएटी की राशि कम मिलने पर ग्रेजुएटी कंट्रोलिंग अथॉरिटी के समक्ष चुनौती दी, जिसमें ग्रेजुएटी अधिकारी ने उनके कार्यकाल को 42 से 46 वर्ष मानते हुए 2 से 4 लाख रुपये अतिरिक्त ग्रेजुएटी 6 प्रतिशत ब्याज सहित प्रदान करने का आदेश पारित किया।

उक्त आदेश को कार्यपालन अभियंता ने चुनौती दी। अपीलीय अधिकारी ने उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय गए नेतराम साहू के एक प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें दैनिक वेतन नियुक्ति दिनांक से ग्रेजुएटी प्रदान करने आदेश दिया।

इस आदेश के विरुद्ध शासन की याचिका पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय एस. अग्रवाल की एकल पीठ में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ पेंशन नियम लागू होता है इसके अनुसार ही सर्विस ग्रेजुएटी प्रदान की जाती है जिसमें अधिकतम 33 वर्षों की सेवा की गणना की जाती है। इसलिए केंद्र का ग्रेजुएटी अधिनियम राज्य में लागू नहीं हो सकता।

साथ ही साथ यह भी बताया कि उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का प्रकरण नेतराम साहू के आधार पर अपील आदेश दिया जो इस प्रकरण से भिन्न है। उपरोक्त प्रकरण में उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों द्वारा राय देते हुए कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीपति के पास उक्त बिंदु में बड़ी बेंच गठन कर सुनवाई की जाए, जो कि लंबित है। इसलिए पूर्व में उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच द्वारा दिया गया आदेश ही प्रभावी होगा, जिसमें डिवीजन बेंच ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारियों पर राज्य सरकार के पेंशन नियम के होते केंद्र का ग्रेजुएटी लागू नही होगा। सुनवाई के पश्चात् न्यायालय ने नोटिस जारी कर अपीलीय न्यायालय के आदेश पर स्थगन दिया।

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