बिलासपुर। लोहारी पेंड्रा के किसान सम्मेलन में आज शाम मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जोगी कांग्रेस नेता पूर्व विधायक सियाराम कौशिक चंद्रभान बारमते, चैतराम साहू, जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके बृजेश साहू और संतोष कौशिक को कांग्रेस में प्रवेश दिलाया। बघेल ने उन्हें कांग्रेस का गमछा ओढ़ाकर शुभकामनाएं दी।

शाम चार बजे हुए प्रवेश में बघेल ने कहा कि सुबह का भूला हुआ अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते हैं। इन नेताओं के जोगी कांग्रेस से कांग्रेस का दामन थामने का विरोध करने की तैयारी भी थी। जैसे ही उनके कांग्रेसी प्रवेश की घोषणा की गई भीड़ में दल-बदलू, दल-बदलू शोर होने लगा।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी ने कल ही ट्विटर के माध्यम से इनके पार्टी छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कटाक्ष किया था और कहा था कि यह लोग सत्ता सुख हासिल करने के लिए कांग्रेस में जा रहे हैं और जल्दी ही उनका मोहभंग हो जाएगा।

इन नेताओं के प्रवेश से बिलासपुर और कोरबा लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए संभावना बढ़ेगी। लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी का खाता खोलने की संभावना देख रहे छजकां सुप्रीमो अजीत जोगी व अमित जोगी को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। कोरबा सीट पर भी इस समय भाजपा का कब्जा है, जहां इनके प्रवेश से असर होने की संभावना है। कांग्रेस के भीतर इन्हें वापस लेने को लेकर एक राय नहीं थी। कई नेताओं ने, विशेषकर पराजित प्रत्याशियों ने उन्हें कांग्रेस में वापस लेने के लिए जल्दबाजी नहीं दिखाने की अपील अपने नेताओं से की थी। पता चला है कि राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने इस विरोध को दरकिनार करते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मतों का बंटवारा रोकने के लिए प्रवेश दिलाने का फैसला लिया। बताते हैं कि वरिष्ठ नेता वाणी राव के साथ इन नेताओं ने पिछले माह दिल्ली में पुनिया से भेंट की थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के पिछले छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान ही इनकी घरवापसी हो सकती थी लेकिन पार्टी में मतभेद के चलते ऐसा नहीं हो सका। प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने आज रायपुर में इशारों ही इशारों में उनके प्रवेश को लेकर असहमति भी जता दी है।

इन नेताओं ने बिलासपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले चार विधानसभा क्षेत्रों से जोगी की पार्टी से चुनाव लड़ा था और इससे कांग्रेस को अपेक्षा से कम सीटें मिलीं।

बिल्हा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी धरमलाल कौशिक ने 84 हजार 431 वोट पाकर जीत हासिल की। कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र शुक्ला 57हजार 907 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। यहां धरमलाल कौशिक ने 26 हजार 530 वोटों से जीत हासिल की, जबकि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के उम्मीदवार सियाराम कौशिक को 29हजार 613 वोट मिले।  सियाराम कौशिक सन् 2013 में कांग्रेस से विधायक थे। बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोटों के बीच हुए बंटवारे का लाभ धरमलाल कौशिक को मिला।

तखतपुर विधानसभा सीट पर छजकां उम्मीदवार संतोष कौशिक तो दूसरे स्थान पर आने में सफल रहे। यहां से विजयी प्रत्याशी रश्मि आशीष सिंह को 52 हजार 616 वोट मिले, जबकि छजकां उम्मीदवार संतोष कौशिक, गुरुजी ने 49 हजार 625 वोट हासिल किये। जीत का अंतर सिर्फ दो हजार 491 वोट का रहा। भाजपा प्रत्याशी हर्षिता पांडेय 45 हजार 622 वोट लेकर तीसरे स्थान पर चली गईं। यहां छजकां उम्मीदवार ने भी कांग्रेस के ही परम्परागत वोटों पर सेंध लगाई।

मुंगेली में भाजपा प्रत्याशी पुन्नूलाल मोहले की जीत इस बार कठिन दिखाई दे रही थी लेकिन यहां भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रभान बारमते कांग्रेस के वोटों का बंटवारा करने में सफल रहे। मोहले को 60 हजार 460 वोट, कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पात्रे को 51हजार 982 तथा पूर्व विधायक चंद्रभान बारमते को 32 हजार 257 वोट मिले। यहां भाजपा प्रत्याशी मोहले आठ हजार 498 वोट से जीतने में सफल रहे। सियाराम कौशिक की ही तरह बारमते की पृष्ठभूमि की कांग्रेस की रही है। इसलिये यह माना जाता है कि वे कांग्रेस के वोटों को ही विभाजित करने में सफल रहे।

बिलासपुर में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की उपस्थिति दमदार नहीं रही। इसका लाभ कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडेय को ही मिला। वे अमर अग्रवाल को 11 हजार 221 मतों से परास्त करने में सफल रहे। यहां पांडेय को 67 हजार 890 वोट मिले, अमर अग्रवाल को 56हजार 675 तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेश साहू को सिर्फ तीन हजार 641 वोट हासिल हुए। बिलासपुर में कांग्रेस के मतों का विभाजन नहीं हुआ तथा अग्रवाल से लोगों की नाराजगी नतीजे में दिख गई।

कांग्रेस प्रवेश का कार्यक्रम जोगी के इलाके में रखे जाने का खास मतलब है। मरवाही, पेन्ड्रा और इससे सटे कोटा विधानसभा क्षेत्र में जोगी परिवार को हर बार की तरह एकतरफा बढत मिली है। कोटा से विधायक डॉ. रेणु जोगी की जीत को लेकर अटकलें थी, लेकिन सिर्फ 15 दिन पहले पार्टी में प्रवेश कर वे नये चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव जीतने में सफल रहीं।

चारों नेताओं को मिले थे एक लाख 15 हजार वोट, एक लाख 76 हजार वोटों से हारी थी कांग्रेस  

सन् 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान सांसद लखन लाल साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला को एक लाख 76 हजार 436 मतों के विशाल अंतर से पराजित किया था। सन् 2018 के चुनाव में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के इन चार नेताओं ने कुल मिलाकर एक लाख 15 हजार मत हासिल किये थे। इसके चलते बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने कई विधानसभा सीटें गंवाई। अब इन नेताओं के वोट बैंक का कांग्रेस लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल कर सकेगी।

 

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