बिलासपुर। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के 12-12 रुपये के तीन किश्त जमा करने के बाद पति की मौत हो गई। पत्नी ने बीमा राशि के भुगतान के लिए बैंक और इंश्योरेंस कंपनी में आवेदन दिया लेकिन देरी होने के आधार पर राशि देने से मना कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रकरण की सुनवाई के बाद बीमा के दो लाख रुपये सहित कुल 2.30 लाख रुपये के भुगतान का आदेश दिया है।
हिर्री थाने के निपनिया ग्राम के मालिक राम यादव का इंडियन ओवरसीज बैंक में खाता था। उनके खाते से 25 मई 2016 से 7 मई 2018 तक पीएमएसबीआई योजना के तहत 12 रुपये की राशि काटी गई। 8 मई 2018 को मालिक राम की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी सरस्वती बाई ने यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी और इंडियन ओवरसीज बैंक से दो लाख रुपये की बीमा राशि के भुगतान के लिए आवेदन दिया। बैंक ने मालिक राम का बीमा सोम्पो इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से किया था। बीमा कंपनी ने 15 जनवरी 2019 को उनका आवेदन निरस्त कर दिया। इसका आधार यह बताया गया कि दुर्घटना के 30 दिनों के भीतर आवेदन नहीं दिया गया। इसके विरुद्ध फोरम में वाद दायर किया गया। फोरम के अध्यक्ष आनंद सिंघल व अन्य सदस्यों ने पाया कि महिला ने समय पर बैंक में आवेदन प्रस्तुत कर दिया था। बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के बीच तालमेल की कमी के कारण कंपनी को आवेदन देर से प्राप्त हुआ।  यदि कोई संबंधित दस्तावेज जमा करने में देरी हुई है तो इस आधार पर आवेदन निरस्त नहीं किया जा सकता। फोरम ने आदेश दिया है बीमा कंपनी दो लाख रुपये बीमा की राशि दे। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति के 20 हजार तथा वाद व्यय के रूप में भी 10 हजार रुपये का भुगतान करे।

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