बिलासपुर। 12 साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में महिला की गिरफ्तारी और उसे जेल भेजने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कार्रवाई के विरोध में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद ने रतनपुर थाने का घेराव कर दिया और टीआई को तत्काल हटाने तथा महिला की रिहाई की मांग की। कल रविवार को इसी मांग को लेकर रतनपुर बंद का आह्वान भी किया गया है। 

दरअसल पुलिस की कार्रवाई पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस बच्चे की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है उसका मामा महिला की बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और अभी जेल में है।

जैसा कि पुलिस ने बताया है कि कि पीड़ित बालक रायपुर का है और वह अपने मामा के घर पिछले दिनों छुट्टियों में आया था। मां उसे छोड़ कर वापस रायपुर चली गई थी। बालक फ्रूटी खरीदने के लिए मोहल्ले की दुकान में गया था। पुलिस के मुताबिक इसी दौरान उक्त महिला ने उसे चॉकलेट देने के बहाने अपने घर बुलाया। घर पर महिला ने उसके अप्राकृतिक कृत्य किया, प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचाया। जैसा कि पुलिस ने बताया है कि घटना के बाद बालक सदमे में आ गया था। उसकी मां उसे रतनपुर से वापस रायपुर लेकर चली गई। बच्चे से उसने वहां पर गहराई से पूछताछ की तब पता चला कि उसके साथ गलत हरकत हुई है। मां ने बच्चे के साथ रतनपुर वापस लौट कर महिला के खिलाफ रतनपुर थाने में एफआईआर लिखाई। पुलिस ने उसे पॉक्सो एक्ट और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

मामले ने तूल तब पकड़ा जब यह बात बाहर निकल कर आई कि पीड़ित बालक का मामा आफताब मोहम्मद आरोपी महिला की नाबालिग बेटी के साथ रेप करने का आरोपी है। इस मामले में उसे रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वह अभी भी जेल में बंद है।

इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसे आरोपी महिला की रेप पीड़ित बेटी का बताया गया है। इसमें रेप पीड़िता कह रही है कि 2 माह रेप की एफआईआर दर्ज कराने के बाद उस पर और उसकी मां पर बयान बदलने और समझौता करने के लिए दबाव डाला जा रहा था। जब इसके लिए वे राजी नहीं हुईं तो उसकी मां को झूठे केस में फंसाया गया। उसकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और वह बच्चों की देखभाल करती है। उसकी उम्र 46 वर्ष है। वह कभी ऐसा कृत्य नहीं कर सकती। हम लोग गरीब हैं, पिता की मृत्यु हो चुकी है। मेरे और कोई भाई-बहन नहीं है, जबकि सामने वाले ताकतवर लोग हैं। पुलिस ने उनके दबाव में आकर झूठी कार्रवाई की। पुलिस ने पूछताछ के नाम पर मां को बुलाया और उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया।

उल्लेखनीय है कि बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस प्रायः काउंसलिंग कराती है। काउंसलर की राय के बाद बच्चे का बयान दर्ज किया जाता है। रतनपुर के मामले में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। थाना प्रभारी का कहना है कि पूरी जांच के बाद महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

दूसरी ओर रेप पीड़ित की मां पर फर्जी अपराध दर्ज करने को लेकर विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने बड़ी संख्या में रतनपुर पहुंचकर थाने का घेराव कर दिया। इसमें महिलाएं भी थीं। वे थानेदार को हटाने सस्पेंड करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। रविवार को इसी मांग को लेकर रतनपुर नगर बंद का आह्वान किया गया है।

 

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