बिलासपुर-इंदौर-बिलासपुर फ्लाइट प्रारंभ, सभी ने बिलासा एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार जरूरी बताया

बिलासपुर। इंदौर के लिए शुरू हुई विमान सेवा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांगा की कि वे बिलासा दाई एयरपोर्ट के विकास के लिए जरूरी 1000 एकड़ जमीन को सेना से वापस दिलाने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।

चकरभाठा स्थित बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट से आज सुबह बिलासपुर इंदौर के बीच हवाई सेवा का उद्घाटन हुआ। इसमें वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर से और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली से शामिल हुए। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर फ्लाइट सर्विस शुरू की।

इस मौके पर अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट लैंडिंग, बोइंग विमान सेवा और महानगरों के लिए सीधी उड़ान के लिए बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास की आवश्यकता है। इससे लगी हुई सेना की करीब 1000 एकड़ जमीन है, जिसे राज्य सरकार ने आवंटित किया था। उक्त जमीन का सेना उपयोग नहीं कर रही है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए इस जमीन की आवश्यकता है, जिसके लिए कई बार रक्षा मंत्रालय और मंत्री राजनाथ सिंह से कई बार अनुरोध किया जा चुका है। यदि यह जमीन मिल जाती है तो बिलासपुर में एयरपोर्ट सुविधा का विस्तार होगा। उन्होंने मंत्री सिंधिया से अनुरोध किया कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस जमीन को राज्य सरकार को वापस दिलाने की पहल करें।

मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर-इंदौर विमान सेवा के शुभारंभ के अवसर पर बिलासपुर और इंदौर नगरवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार विमान सेवाओं के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बिलासपुर से अन्य बड़े शहरों जैसे मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरू के लिये भी विमान सेवा प्रारंभ की जाए। स्वामी विवेकानन्द एयरपोर्ट रायपुर से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा प्रारंभ करने और यहां अंतर्राष्ट्रीय कार्गो हब की स्थापना के लिए भी केंद्रीय मंत्री  सिंधिया से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि रायपुर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार तैयार किया जा रहा है। रायपुर एयरपोर्ट अब अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट के संचालन के लिए तैयार है। राज्य शासन ने रायपुर एयरपोर्ट में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 461 एकड़ भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई है, जिस पर रनवे विस्तार, नवीन टर्मिनल भवन निर्माण, एटीसी टॉवर निर्माण कर इसे अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार तैयार किया जा चुका है। एयरपोर्ट विकास के लिए भूमि की लंबित मांग, एयरपोर्ट परिसर के सुरक्षा सबंधी समस्याओं का राज्य शासन द्वारा समाधान कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से रिजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत अंबिकापुर से बिलासपुर, रायपुर को जोड़ते हुए निकटवर्ती प्रमुख शहरों वाराणसी, रांची, पटना, भुवनेश्वर जैसे शहरों के लिए विमान सेवा प्रारंभ करने का आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए राज्य शासन के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार  ने बिलासपुर एयरपोर्ट का 3-C VFR श्रेणी में उन्नयन किया गया है। एलायंस एयर कम्पनी ने बिलासपुर से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज वायुमार्ग पर 1 मार्च 2021 को प्रथम नियमित घरेलू विमान सेवा प्रारम्भ की तथा 5 जून 2022 से बिलासपुर से भोपाल के लिये भी नियमित विमान सेवा शुरू की।

राज्य सरकार ने बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास एवं इसे क्रियाशील बनाने के लिए अब तक 25 करोड़ 10 लाख रूपए व्यय किए हैं। एयरपोर्ट से बढ़ती हुई विमान सेवाओं व यात्रियों की संख्या को देखते हुए वर्तमान टर्मिनल भवन की क्षमता के विस्तार के लिए 1 करोड़ 90 लाख के कार्य की स्वीकृति दी गई है। बिलासपुर एयरपोर्ट को 3-CIFR मानक अनुसार तैयार करने एवं यहां नाईट लैण्डिंग की सुविधा के विकास के लिये 22 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है, जिसकी राशि एक सप्ताह में जारी हो जाएगी। एयरपोर्ट से विमानों के सुगम संचालन के लिए पीबीएन नेविगेशन प्रणाली की स्थापना के लिये भारतीय विमानपत्तन को राज्य शासन द्वारा राशि का भुगतान कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अम्बिकापुर एयरपोर्ट को 3-C VFR अनुसार विकसित करने के लिये रनवे विकास व विस्तार, सिटी साईड के विकास कार्यों हेतु 48 करोड़ के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। एयरपोर्ट विकास संबंधी कार्य तीव्र गति से जारी है। 31 दिसम्बर 2022 तक एयरपोर्ट को विकसित कर इसकी लाइसेंसिंग का आवेदन करने का लक्ष्य है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में विमानन सेवाओं के विस्तार के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग उचित है। एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि राज्य सरकार द्वारा चकरभाटा एयरपोर्ट से लगी हुई 1000 एकड़ भूमि सेना को दी गई थी, लेकिन इसका उपयोग नहीं किए जाने के कारण अब इस भूमि को वापस लेने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। भूमि वापस होने पर चकरभाटा एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी। सिंधिया ने कहा कि बिलासपुर और इंदौर दोनों ही शहरों का आर्थिक और धार्मिक रूप से काफी महत्व है। इन दोनों शहरों के एयर कनेक्टिविटी से जुड़ने पर दोनों शहरों के लोगों को एक अच्छी सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित हर राज्य में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए केंद्र सरकार तत्पर है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों से अपील की कि वे विमान सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। भोपाल की उड़ान को यात्रियों की कमी के कारण बंद करनी पड़ी थी।

पहले दिन रवाना हुए 50 यात्री

बिलासपुर-इंदौर-बिलासपुर विमान सेवा सप्ताह में चार दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को पूर्वान्ह 11.35 बजे से बिलासपुर से रवाना होकर दोपहर 1.25 बजे इंदौर पहुंचेगी और इंदौर से दोपहर 1.55 बजे रवाना होकर अपरान्ह 3.45 बजे बिलासपुर वापस लौटेगी। आज बिलासपुर से इंदौर रवाना हुई। पहली फ्लाईट 50 यात्रियों को लेकर रवाना हुई। इस मार्ग पर एलायंस एयर द्वारा 72 सीटर विमान का संचालन किया जा रहा है।

बिलासपुर एयरपोर्ट पर संसदीय सचिव डॉ. रश्मि सिंह, सांसद अरूण साव, विधायक धरमलाल कौशिक, शैलेष पाण्डेय, रजनीश सिंह, महापौर श्री रामशरण यादव, जिला पंचायत बिलासपुर के अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक बिलासपुर के अध्यक्ष प्रमोद नायक, सचिव योग आयोग रविन्द्र सिंह, कृषि उपज मंडी बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पांडे, सुदीप श्रीवास्तव सहित हवाई सेवा संघर्ष समिति के सदस्यों  सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कमिश्नर डॉ.संजय अलंग भी वर्चुअली शुभारंभ समारोह में शामिल हुए। कलेक्टर सौरभ कुमार ने स्वागत भाषण दिया। मुख्यमंत्री निवास में सचिव विमानन सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और संचालक विमानन एन.एन. एक्का उपस्थित थे।

 

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