बाजपेयी परिवार ने खरबूज काट घर में बनाया दादा का जन्म दिवस

बिलासपुर। वरिष्ठ रंगकर्मी, विख्यात संगीत निर्देशक मनीष दत्त की 81 वीं जन्म तिथि 10 मई पर काव्य भारती परिवार व नगर के प्रबुद्ध साहित्यकारों ने भाव पूर्ण स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया । संस्था के वरिष्ठ कलाकारों ने उनके निर्देशन में रचे निराला, हरिवंश राय बच्चन, गोपाल दास नीरज, सुकांत भट्टाचार्य, कबीर दास, महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान, शिवमंगल सिंह सुमन, रमाकांत अवस्थी, सियाराम सक्सेना, कन्हैया लाल मिश्रा, डॉ अजय पाठक व छत्तीसगढ़ी गीतों की संगीत मय प्रस्तुति की रिकाडिंग भेजकर स्मरण किया ।

अपने वर्चुअल संदेश में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्था के सचिव वरिष्ट साहित्यकार डॉ. विजय सिन्हा ने कहा कि मनीष दत्त ने काव्य भारती को छत्तीसगढ़ की ऐसी पहली संस्था बनाया जिसने काव्य को संगीत के माध्यम से जनप्रिय बनाया। काव्य भारती के प्रवर्तक व संस्थापक मनीष दत्त ने बिलासपुर को कलात्मक उत्कर्ष देकर अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्श दिया। उनका अवदान अविस्मरणीय है । संस्था के अध्यक्ष पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने मनीष दत्त के व्यक्तित्व-कृतित्व की विवेचना करते हुए काव्य भारती के इतिहास और संघर्ष के बाद उसकी पुनर्स्थापना की चर्चा की व मनीष दत्त की ऋषि पुनीत पावन परम्परा का स्मरण किया ।

उन्होंने अपने वर्चुअल संदेश में कहा कि दादा के सपनों को साकार करने के लिये काव्य भारती की विस्तार पूर्वक आगामी योजनाएं बताईं। विगत एक वर्ष के कोरोना काल में भी संस्था के छह आयोजन कराने का उल्लेख किया। उन्होंने कोरोना महामारी काल में संस्था के वरिष्ठ साथी विनोद श्रीवास्तव, एल के पाण्डेय व बसंत शर्मा के दुखद निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की । बाजपेयी परिवार ने घर पर मनीष दत्त की प्रतिमा पर पुष्प दीप माला अर्पित किया। बालिका चन्द्र आर्या ने दादा का प्रिय फल खरबूज काटकर जन्म दिवस मनाया ।

उपस्थित संस्था के सदस्यों ने आराधना गीत से शुरुआत की। दादा की प्रिय शिष्यों ने अपने संदेश के साथ देश व नगर के मूर्द्धन्य कवियों की रचना- जो तुम आ जाते एक बार, मेरा जीवन बिखर गया है तुम चुन लो कंचन बन जाऊं, तुम गा दो मेरा जीवन, बहुत दिनों के बाद, इस समर में कौन ताण्डव कर गया है, परमात्मा गुरु निकट विराजे जाग जाग मन मेरे, जीवन तुमने दिया है सम्भालोगे तुम आदि की रिकांडिंग भेजी। बाल कलाकार सम्भवी पागे, डॉ सुप्रिया भारतीयन, डॉ रत्ना मिश्रा, प्रो.किरण बाजपेयी, निवेदिता सरकार, अजीता मिश्रा, एस भारतीयन, टी श्रीधरन, गौरव गुलहरे, अचिन्त्य बोस व अनिरुद्ध ने संगीतमय रिकाडिंग भेज प्रस्तुति बिखेरी दी ।

उक्त अवसर पर काव्य भारती परिवार सहित नगर के प्रबुद्ध जन व साहित्यकारों ने वर्चुअल व फेस बुक द्वारा अपना संदेश भेजा। इनमें डॉ विनय पाठक, डॉ गिरधर शर्मा, डॉ विजय सिन्हा, डॉ अजय पाठक, डॉ सोम यादव, राजेन्द्र मौर्य, चन्द्र प्रकाश बाजपेयी, सनत तिवारी, डॉ प्रभाकर पांडेय, नथमल शर्मा, हर्ष पाण्डेय, राजेश अग्रवाल, चन्द्र शेखर बाजपेयी, सौरभ गुलहरे, अनिरुद्ध मिश्रा, रमाकांत सोनी, अजय शर्मा, बसन्ती वर्मा, डॉ विनोद वर्मा, अनुपम पाण्डेय, सोम दत्त शर्मा, सुमित गुप्ता, अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी, डॉ अजय श्रीवास्तव, अभय नारायण राय, टाटा महराज, चन्द्र प्रकाश देवरस, मंगला ताई देवरस, भरत चंदानी, प्रभात मिश्रा, भुनेश्वर चंद्राकर, सविता कुशवाहा, शिल्पा भगत, साक्षी बहन, पल्लव शुक्ला, राघवेंद्र धर दीवान, भारती भट्टाचार्य, एम डी दीवान, शिरीष पांगे, डॉ मंत राम यादव, महेश श्रीवास, सुधाकर बिबे, मनोज वैष्णव, सुनील दत्त मिश्रा, संध्या शुक्ला, केशव बाजपेयी, अनिल गढ़ेवाल, प्रदीप नारंग, भावना बाजपेयी, चन्द्र आर्या बाजपेयी, मनहरन पुरी सहित काफ़ी संख्या में रसिक जन उपस्थित थे ।

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