महापौर के निरीक्षण से खुलासा, 600 से ज्यादा वन्यजीव वाले कानन पेंडारी में न जांच की सुविधा और न इलाज की

बिलासपुर। महापौर रामशरण यादव प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल के निर्देश पर बायसन की मौत की तहकीकात करने के लिए आज कानन पेंडारी पहुंचे।

डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि बायसन तीन दिन से बीमार था, खाना भी नहीं खा रहा था। एक दिन पहले उसे इंजेक्शन लगाया गया। तीन पशु चिकित्सक डॉ आर एन त्रिपाठी, डॉ अनूप चटर्जी और डॉक्टर राम ओत्तलवार उसे देखने के लिए भी आए। खून की जांच के लिए सैंपल जबलपुर भेजा गया लेकिन रिपोर्ट आती। बिलासपुर या छत्तीसगढ़ में सैम्पल जांच की सुविधा नहीं है।

इसके पहले ही दो माह पहले एक और बायसन की मौत हो गई थी। यह बायसन उसका भाई था। उन्होंने यह भी बताया कि बायसन का पोस्टमार्टम तो किया गया है लेकिन यहां पर लैब नहीं होने के कारण बिसरा भी जबलपुर भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आने पर ही पता चल पायेगा मौत किस वजह से हुई। महापौर के पूछने के बाद डीएफओ ने बताया कि मृत दोनों बायसन भाई थे। दोनों की उम्र तीन-चार साल के बीच की है, जबकि इनकी औसत उम्र 25 से 30 साल होती है। यानी दोनों बायसन असमय गुजर गये।

महापौर को डीएफओ ने बताया कि 114 हेक्टेयर में फैले इस मिनी जू में 60 से अधिक प्रजातियों के 679 जानवर हैं। यहां शेर बाघ और तेंदुआ सहित शुतुरमुर्ग, जंगली भैंस, चीतल आदि भी आकर्षण के केंद्र हैं।

डीएफओ ने महापौर के पूछे जाने पर उन्हें जानवरों को दिए जाने वाले भोजन और दवाइयों के बारे में जानकारी दी।

निरीक्षण के बाद महापौर ने कहा कि कानन पेंडारी में चिकित्सकों और सहायकों की कमी है। एक्स-रे और लैब भी नहीं है। इन कमियों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित किया जाएगा और रिपोर्ट प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल को सौंपी जाएगी।

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