बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के वूमेन स्टडी सेंटर एवं हार्टफुलनेस मेडिटेशन बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय मे मेडिटेशन शिविर रखा गया।

बिलासा देवी कन्या छात्रावास में १८ अप्रैल को हुए उद्घाटन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति प्रोफेसर नीलाम्बरी दवे थीं। उन्होंने शिविर को सम्बोधित करते हुए नारी शक्ति एवं छठी इंद्री के महत्त्व पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार चक्रवाल ने विभिन्न जीवंत उदाहरणों के माध्यम से ध्यान के माध्यम से जीवन में आने वाले तनावों से मुक्ति के विषय में जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को लक्ष्य की प्राप्ति और सफलता को पाने के लिए ध्यान का महत्व बताया।

कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने जीवन में खुशियों के महत्व पर विचार रखे।  शारीरिक शिक्षा विभाग, आर आर पटेल कॉलेज राजकोट, गुजरात से कार्यक्रम में पहुंचीं प्रोफेसर भावना मेहता ने नारी शक्ति एवं बेटियों के समाज में भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला।  प्रोफेसर रेणु भट्ट ने हार्टफुलनेस मेडिटेशन के सकारात्मक प्रभाव और लाभों के बारे में चर्चा की। उन्होंने हार्टफुलनेस मेडिटेशन बिलासपुर के शिविर  में आए सदस्यों लक्ष्मण चित्तलहरे, प्रदीप अग्रवाल, माया गुप्ता, एवं राखी ताम्रकार का परिचय सभा से करवाया। छात्रावास के मुख्य अधीक्षक प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला  ने भी ध्यान के अनुभवों को साझा किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ शालिनी मेनन द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ आरती श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में लगभग 80 छात्राओं की सहभागिता रही। महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक डॉ नमिता शर्मा, एवं सदस्य डॉ सोमा दास, डॉ उपासना सिन्हा, डॉ अर्पिता रॉय चौधरी, डॉ गुंजन पाटिल, डॉ अनामिका तिवारी एवं कन्या छात्रावास की प्रशासनिक अधीक्षिका,  अधीक्षिका कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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