संभाग की पहली समीक्षा बैठक में सिंहदेव ने कहीं ये खास बातें-

*2005 से पहले काबिज लोगों को वन अधिकार पट्टा दें, जरूरत पड़ने पर नये आवेदन लें।
*गांवों में विकास का असंतुलन दूर करें।हर गांव में महिलाओं को अपनी गतिविधियां चलाने के लिए मीटिंग हाल की व्यवस्था करें।
*मनरेगा भुगतान समय पर करें, देर हो तो मजदूरों को कारण बताएं, मनरेगा में महिलाओं को ज्यादा अवसर दें।
*जन घोषणा पत्र का क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता।
बिलासपुर। जल, जमीन, जंगल के प्रबंधन का अधिकार ग्राम सभा को है, इसे सुनिश्चित किया जाये लेकिन जंगलों को नुकसान भी नहीं होना चाहिए। 13 दिसंबर 2005 के बाद के कब्जे पर कोई उदारता न बरतें। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज संभाग में ग्रामीण विकास के लिए हो रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को जिनका परिवार तीन पीढ़ी से 13 दिसंबर 2005 के पहले से राजस्व या वनभूमि में काबिज हैं, उनको वन अधिकार पत्र प्रदान करने के लिए समीक्षा करें। इस संबंध में ग्राम सभा का प्रस्ताव पर्याप्त है। बैठक में उपस्थित ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव आर पी मण्डल ने निर्देशित किया कि ऐसे आवेदनों की 15 दिनों के भीतर समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर नये आवेदन भी लें।

मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में स्कूल, शिक्षा, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम विधायक शैलेष पाण्डेय, और विधायक रश्मि सिंह भी उपस्थित थे।

सिंहदेव ने कहा कि जनघोषणा पत्र के माध्यम से सरकार ने अपनी प्राथमिकता घोषित की है, जिसे पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति के हित के लिए उदार होकर कार्य करना होगा। बैठक में सिंहदेव ने हर गांव में हो रहे विकास कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी 31 जनवरी तक उपलब्ध कराने कहा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में विकास नहीं हुआ है, वहां ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, जिससे वे भी बराबरी की स्थिति में आ सके। इसके लिए पूरी निष्ठा के साथ अधिकारी कार्य संपादित करें।

संभाग में मनरेगा के तहत् चल रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। वन अधिकार पत्र धारकों को 200 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो। महिलाओं के रोजगार दिवस बढ़ाये जायें। मजदूरी भुगतान समय पर सुनिश्चित करें। मजदूरी भुगतान में यदि विलंब हो रहा है, तो हितग्राहियों को इसका कारण भी बताएं, ताकि वे निःश्चिंत रहे कि उनका भुगतान होगा। सिंहदेव ने मजदूरी भुगतान में आने वाली समस्या पर ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिला, विकासखण्ड के अतिरिक्त हर गांव में महिलाओं के लिए मीटिंग हाल निर्माण किया जाये। जहां वे अपनी गतिविधियां संचालित कर सकें। हर विकासखण्ड में कम से कम 500 महिलाओं को रोजगार मिले। ऐसी गतिविधियों की कार्ययोजना बनाई जाये।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए पांच दस साल पुरानी सड़कों के मरम्मत के निर्देश दिये गये। स्वच्छ भारत मिशन के तहत् मिडिल स्कूलों में बालिकाओं को सैनेटरी नैपकिन प्रदान करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की गई। बैठक में संभागायुक्त टी.सी. महावर, बिलासपुर कलेक्टर डॉ. संजय अलंग, रायगढ़ कलेक्टर यशवंत कुमार, कोरबा कलेक्टर अब्दुल कैसर हक, जांजगीर कलेक्टर नीरज बंसोड़, मुंगेली कलेक्टर डोमन सिंह सहित संभाग के सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

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