रायपुर : छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला विधानसभा तक जा पहुंचा है, संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर सदन में गहमा गहमी देखने को मिली. विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक ब्रजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और JCCJ नेता धर्मजीत सिंह ने मुद्दा उठाया.

विपक्ष ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असवैधानिक बताते हुए नियुक्ति निरस्त करने की मांग की है. विपक्ष ने संसदीय सचिवों के शपथ ग्रहण और झंडा फहराने पर आपत्ति जताई है, उन्होंने कहा है जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो संसदीय सचिवों की नियुक्ति क्यों की गई?

वहीं इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने उत्तर दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब देते हुए कहा कि संसदीय सचिवों को मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है. विधानसभा में वे उत्तर भी नहीं दे सकते. उनको अलग से कार्यालीन कार्य के लिए कमरा भी नहीं दिया गया है. वे किसी कागज में हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते हैं. संसदीय सचिवों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि क्या इसके पहले विधानसभा में संसदीय सचिवों का परिचय कराया गया है. संसदीय सचिवों के मामले पर यह फैसला आपकी सरकार के समय आया था. क्या आपने उस फैसले के बारे में अवगत कराया. मैं समझता हूं कि संसदीय सचिव के बारे में और कोई चर्चा की आवश्यकता नहीं है.

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