दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 11 महत्वपूर्ण रेलवे पुलों में पुरानी गेट प्रणाली की जगह पर स्थापित

बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत स्थित महत्वपूर्ण रेलवे पुलों पर नदियों का जलस्तर मापने के लिए मीटर गेज के स्थान पर नई तकनीक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम का इस्तेमाल शुरू किया है। सेंसर युक्त इस नए उपकरण से जलस्तर की पूरी जानकारी त्वरित मिल रही है। नदी में जल का स्तर अचानक बढ़ाने की स्थिति में इस सिस्टम से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल पर तुरंत अलर्ट मैसेज भी आयेगा, जिससे समय रहते संरक्षित रेल परिचालन को भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत 11 महत्वपूर्ण रेलवे पुलों पर यह तकनीक स्थापित किया गया है, एवं अन्य महत्वपूर्ण रेलवे पुलों पर भी इसे लगाने की योजना है।

पहले पारंपरिक गेज पद्धति से नदियों का जलस्तर पता किया जाता था। इसमें त्वरित सूचनाएं नहीं मिल पाती थीं। वाटर लेवल रीडिंग में भी त्रुटि की संभावना होती थी। रेलवे ट्रैक और पुल पर खतरे का आकलन मुश्किल भरा होता था। कई बार बाढ़ का पानी ट्रैक पर भी आ जाता था, लेकिन इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से नदियों पर जल के स्तर की निगरानी आसान होगी।

सेंसर युक्त यह सिस्टम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा होता है। इसमें एक चिप लगी रहती है। उसमें पुल से संबद्ध सहायक मंडल इंजीनियर, कार्य निरीक्षक और रेल पथ निरीक्षक आदि के मोबाइल नंबर दर्ज रहते हैं। पुल पर जलस्तर बताने वाले स्केल को सेंसर सिस्टम रीड करता रहता है। जब जलस्तर खतरे के निशान से बढ़ता या घटता है तो यह मशीन स्वत: संबंधित इंजीनियरों व अधिकारियों को एसएमएस भेजता है।

यह सिस्टम बिलासपुर रेल मण्डल के अंतर्गत ईब नदी पर,ईब एवं ब्रजराजनगर स्टेशनों के बीच, भूपदेवपुर एवं राबर्ट्सन स्टेशनों के बीच, कोरबा एवं गेवरारोड स्टेशनों के बीच, नैला एवं चांपा स्टेशनों के मध्य हसदेव नदी पर तथा दगौरी एवं निपनिया स्टेशनों के मध्य शिवनाथ नदी पर लगाये गये हैं। नागपुर रेल मण्डल के अंतर्गत रसमड़ा एवं दुर्ग स्टेशनों के बीच, मुंडीकोटा एवं तुमसर स्टेशनों के बीच, कन्हान एवं कामठी स्टेशनों के बीच, वडसा एवं ब्रम्ह्पुरी स्टेशनों के बीच तथा बरगी एवं ग्वारीघाट स्टेशनों के बीच लगाये गये हैं।

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