सीएम की पहल, सौ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग के लिये पत्र

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर आज चकरभाठा हवाई अड्डे के बाउन्ड्रीवाल के विस्तार में बाधक बन रही सेना को दी गई जमीन में से 78 एकड़ भूमि वापस ले ली गई है। 3 सी श्रेणी के प्रस्तावित एयरपोर्ट की बाउन्ड्रीवाल बनाने के लिये इसमें से 6 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जायेगा। हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से पहले सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला है।

ज्ञात हो कि बिलासपुर में चकरभाठा एयरपोर्ट को फिलहाल 2 सी वीएफआर श्रेणी का तैयार किया गया है। महानगरों की हवाई सेवा की मांग यहां से जिसके लिये 3 सी हवाईअड्डे के तौर पर इसका विकास किया जाना आवश्यक है। इसके लिये प्रस्तावित बाउन्ड्रीवाल के लिये 6 एकड़ जमीन की आवश्यकता थी। सन् 2016 में सेना को सिलतरा एवं रहंगी में 78 एकड़ जमीन सेना के प्रबंधन के लिये दिया गया था। राजस्व एवं प्रबंधन विभाग ने आज इस जमीन को हवाई अड्डे के विस्तार के लिये सेना की छावनी के लिये दी गई अनुमति निरस्त कर दी गई। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर यह आदेश राज्य शासन की ओर से जारी किया गया।

इसके बाद कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज चकरभाठा हवाईअड्डे का निरीक्षण किया और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फेंसिंग का शेष कार्य तीन दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।

अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि जमीन निरस्त करने के बाद वापस मिले 78 एकड़ जमीन में से 6 एकड़ जमीन का इस्तेमाल बाउन्ड्रीवाल को पूरा करने में किया जाना है जिसकी 3 सी एयरपोर्ट तैयार करने के लिये आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त दक्षिण दिशा में 100 एकड़ भूमि की सेना से अतिरिक्त आवश्यकता है जिससे एयरपोर्ट का 4 सी के रूप में विस्तार की मांग पूरी हो सके।

हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसियेशन के अध्यक्ष संदीप दुबे ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि राज्य शासन ने अतिरिक्त 100 एकड़ जमीन को वापस लेने के लिये सेना को पत्र भेज दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होनी है जिसमें सभी पक्षों का जवाब आयेगा, जिससे स्पष्ट होगा कि क्षेत्रीय मांग के अनुरूप हवाई सुविधा बिलासपुर को कब मिलेगी।

अधिवक्ताओं व कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री की पहल पर 3 सी हवाई सेवा का मार्ग प्रशस्त होने पर हर्ष व्यक्त किया है।

 

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