सीपत, मस्तूरी में कई झोपड़ियां टूटी, सैकड़ों एकड़ खेत पानी में डूबे फसल बर्बाद होने का खतरा
बिलासपुर । यलो अलर्ट से रेड अलर्ट में शामिल किये गये बिलासपुर जिले में लगातार तीसरे दिन हो रही भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं। मस्तूरी-सीपत इलाके में लीलागर, अरपा व शिवनाथ नदी के उफान पर आने के कारण कई गांव बाढ़ से घिर गये। रात में 50 से अधिक झोपड़ियों में लोग फंसे रह गये हैं जिन्हें मस्तूरी, सीपत पुलिस व राज्य आपदा प्रबंधन टीम सुरक्षित निकालने में लगी हुई है। मस्तूरी तहसील मुख्यालय में भी हर तरफ पानी भरा हुआ है। शासकीय कार्यालय भी इसके चलते बंद करना पड़ा है।
बिलासपुर जिले में तीन दिन से लगातार रुक रुक कर पानी गिर रहा है। कल रात हुई तेज वर्षा के कारण लीलागर नदी उफन गई। इसके चलते कई गांव बाढ़ से घिर गये हैं। सुबह मस्तूरी के पास रिसदा ग्राम में 60-70 ग्रामीणों के बाढ़ में फंसने की सूचना मिलने पर मस्तूरी पुलिस ने राज्य आपदा प्रबंधन टीम को सूचना दी लेकिन उनके आने की प्रतीक्षा किये बिना ही पुलिस के जवानों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। दोपहर तक रिसदा गांव में फंसे 57 लोगों को बचा लिया गया है। इनमें बुजुर्ग, महिलायें और बच्चे भी शामिल हैं। कुछ और लोग फंसे हुए हैं जिनके लिये राज्य आपदा प्रबंधन टीम पहुंची हुई है। सीपत के पास दर्राभाठा में भी लीलागर नदी की बाढ़ का असर देखने को मिला है। विद्याडीह डांगर गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। यहां पर दर्जनों लोग फंसे हुए हैं जिनको सुरक्षित निकालने के लिये मस्तूरी व सीपत पुलिस तथा राज्य आपदा प्रबंधन के गोताखोर, रस्सा ट्यूब और बोट लेकर पहुंचे हुए हैं। मस्तूरी टीआई फैजूल खान ने बताया कि कई स्थानों पर पुलिस टीम बिना एसडीआरएफ टीम की प्रतीक्षा किये ही बचाव के लिये पहुंच गई। प्रभावित लोगों को ठहराने की व्यवस्था फिलहाल स्थानीय स्कूलों में की गई है।
बाढ़ के कारण मस्तूरी में जगह-जगह पानी भर गया है। कल दिन भर व रात में हुई बारिश के चलते लीलागर, अरपा व शिवनाथ नदी के किनारे मस्तूरी ब्लॉक के भरारी , बैटरी, अकोला, हिर्री, कठहा, केवटाडीह, विद्याडीह, टांगर, बोहारडीह, सोन सोनसरी, ओखर, मटिया, कुटेला, ठाकुरदेवा,खपरी, गिदपुरी,मचहॉ डोमगावं, आमगांव, आमाकोनी व सुलौनी जैसे ग्राम बाढ़ के चलते प्रभावित हुए हैं।
बारिश के चलते घोंघा, खूंटाघाट जलाशय लबालब भर गये हैं और दोनों ही बांधों से उलट से पानी बह रहा है। आगे और बारिश जारी रहने पर गेट खोले जा सकते हैं। अरपा डायवर्सन में भी क्षमता से ज्यादा पानी भर गया है, जिसके कारण बिलासपुर में भी अरपा नदी पर तेज बहाव है।

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