बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा विकास कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने योजना के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण भी वन विभाग के अधिकारियों को दिया और अचानकमार टाइगर रिजर्व में निर्माणाधीन नरवा विकास की संरचनाओं का अवलोकन किया।

प्रशिक्षण में शर्मा ने नरवा में संरचनाओं के निर्माण से वानिकी एवं वन्यप्राणियों के प्रबंधन को किस प्रकार से बेहतर किया जा सकता है,इस पर प्रशिक्षण दिया।

बिलासपुर के वन चेतना केन्द्र सकरी में रखे गये इस कार्यमक्रम में बिलासपुर वृत्त के सभी वनमण्डलाधिकारी व अचानकमार टाइगर रिजर्व के अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने राज्य कैम्पा मद द्वारा स्वीकृत नरवा कार्यों की प्रगति की समीक्षा की । समीक्षा बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी पी.वी. नरसिम्हा राव व  मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा वी. श्रीनिवास राव की उपस्थिति में प्रत्येक वनमण्डल में चल रहे नरवा कार्यों के निर्माणाधीन जल एवं मृदा संरक्षण संरचनाओं के तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया गया।

बैठक में एन. आर. एम. के इंजीनियर ने अरपा कैचमेन्ट एरिया ट्रीटमेन्ट प्लान तथा अचानकमार टाइगर रिजर्व के नरवा विकास कार्य का डी.पी.आर. प्रस्तुत किया।

शर्मा ने मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना ’नरवा’ के जल ग्रहण क्षेत्र में निर्मित की जाने वाली संरचनाओं, निर्माण किये जाने वाले क्षेत्र की पहचान तथा क्रियान्वयन की वैज्ञानिक पद्धति को विस्तार पूर्वक समझाया तथा भविष्य में निर्मित किये जाने वाले संरचनाओं में आवश्यक तकनीकी दृष्टिकोण को लागू करने का निर्देश दिया।

बैठक के बाद उन्होंने अचानकमार टाइगर रिजर्व के सुरही परिक्षेत्र स्थित दियाबार नाला स्थल पर जाकर जल ग्रहण क्षेत्र में प्रथम,  द्वितीय एवं तृतीय आर्डर पर निर्मित की गई संरचनाओं का विश्लेषण करते हुए नरवा में निर्मित संरचनाओं की प्लानिंग, डिजाईनिंग के साथ उपयोगिता तथा उससे होने वाले दूरगामी प्रभाव के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने दियाबार नरवा के छोटे-छोटे नालों पर निर्मित ब्रशवुड चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम एवं गेबियन संरचनाओं का मौके पर निरीक्षण किया एवं वन अधिकारियों को आवश्यक तकनीकी जानकारी दी। शर्मा ने गेबियन संरचना, चेकडेम निर्माण के लिये क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुरूप संरचना निर्माण करने की जानकारी मौके पर दी । शर्मा ने दियाबार नरवा में निर्मित संरचनाओं एवं उनकी उपयोगिता तथा कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नरवा कार्यों में रिजलाईन का सर्वे करायें तथा कन्टूर के आधार पर जल ग्रहण क्षेत्र में रिज टू वैली के अंतर्गत आने वाले समस्त छोटे-बड़े नालों में ब्रशवुड चेकडेम, लूज बोल्डर चेकडेम एवं डिस्चार्ज जोन की बड़ी संरचनाओं की स्थिति को बेहतर तरीके से क्षेत्रीय धरातल पर उतारें। इससे नरवा के मूल उद्देश्य रिज से वैली तक मृदा एवं जल संरक्षण के साथ-साथ भू जल में वृद्धि तथा छ.ग. शासन की मंशा के अनुरूप नरवा कार्यों का क्रियान्वयन हो सकेगा।

ज्ञात हो कि बिलासपुर वन वृत्त के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत 1664 वर्ग किमी,  वर्ष 2020-21 में स्वीकृत 1035 वर्ग कि.मी. तथा अरपा कैचमेन्ट क्षेत्र के 400 वर्ग किमी एवं अचानकमार टाइगर रिजर्व के 150 वर्ग किम वन क्षेत्र में विभिन्न नरवा के अंतर्गत भू एवं जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इससे बिलासपुर संभाग के ग्रामीण अंचलों में भू जल में वृद्धि हो रही है।

श्री शर्मा के इस प्रवास एवं तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी पी.वी. नरसिम्हा राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा वी. श्रीनिवास राव, अचानकमार टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, उप संचालक, बिलासपुर वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक तथा सभी वनमण्डलों के वनमण्डाधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here