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‘संविधान की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी, 2019 में यह सरकार लौटी तो देश खतरे में’

संविधान सम्मान यात्रा के पहुंचने पर लायंस भवन में कार्यक्रम।

26 राज्यों का भ्रमण कर रही दांडी से निकली संविधान सम्मान यात्रा बिलासपुर पहुंची

देश के कई राज्यों से गुजरते हुए दांडी, गुजरात से निकली एक यात्रा आज बिलासपुर पहुंची। यह यात्रा देश के संविधान में दिए गए अधिकार लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, विविधता, समता, न्याय की रक्षा के लिए तीन चरणों में चल रही है। यह नफरत, असमानता, हिंसा और संसाधनों की लूट के ख़िलाफ़ भी है।

तीन चरणों में देश के 26 राज्यों से होकर 65 दिनों की यात्रा 10 दिसम्बर को दिल्ली में पूरी होगी।

संविधान यात्रा का मुख्य कार्यक्रम लायंस क्लब सभा कक्ष में हुआ। इस कार्यक्रम में पर्यावरण विद् मेघा पाटकर के आने की ख़बर थी पर किसी कारण से वह नहीं पहुंच पाईं।  सभा को  पर्यावरणविद्  प्रफुल्ल सामंतरा ,आनंद मिश्रा , मीरा संघमित्रा, सुहास ताई कोल्हेकर, कलादास डेहरिया, नंद कश्यप, प्रियंका शुक्ला, सुनीता रानी, असीत दा, कृपाल सिंह मंडलोई खुदाई खिदमतगार .जगन्नाथ,आदि ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि जो लोग संविधान के अनुरूप काम कर रहे हैं उनके ऊपर आज हमले हो रहे हैं। लोकतंत्र, अहिंसा, अमन और सामाजिक न्याय के मूल हक़ आज संकट में हैं। दिल्ली में राज कर रहे लोग संविधान को खत्म करना चाहते हैं। किसानों, मजदूरों को न्याय नहीं मिल रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। लगभग सभी तरह के श्रमिकों के हित वाले कानून  बदल दिए गए हैं। पेसा कानून, 5वीं अनुसूची, वनाधिकार कानून होने के बाद भी सरकार उनके ख़िलाफ़ काम कर रही है। भारत को हिन्दूराष्ट्र मे तब्दील करने का षड्यंत्र  भारत की परंपरा और संविधान के विरुद्ध है।इस कोशिश को हम कामयाब नहीं होने देंगे । संविधान की रक्षा करने के लिये जब आम जन खड़ा हो जायेगा, उस दिन किसी सरकार की इसे छेड़ने की हिम्मत नहीं होगी।

वक्ताओं ने कहा कि 2019 में यदि यह सरकार दुबारा आती है तो देश बडे संकट में पड़ जाएगा।. संविधान सम्मान यात्रा के बिलासपुर पहुंचने पर तिफरा में  छतीसगढ राज्य विद्युत जनता यूनियन के साथियों ने स्वागत किया।

यात्रा में देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग शामिल हैं। इनमें लोक शक्ति अभियान ओडिशा के प्रफुल्ला सामंतरा, एनएपीएम तेलंगाना की मीरा संघमित्रा, संगतिन किसान मजदूर यूनियन उत्तरप्रदेश के मोहनलाल, जितेन्द्र पासवान, आकाश शर्मा, सेंचुरी मिल संघर्ष समिति खरगोन के दिनेश मुकाती, नर्मदा बचाओ आंदोलन के जगदीश, जन संघर्ष वाहिनी दिल्ली के भूपेन्द्र सिंह रावत, एनएपीएम महाराष्ट्र के सुहास कोल्हेकर, झारखंड इकाई के राजू विश्वकर्मा, दिल्ली इकाई की सुनीता, उमा, आर्यमन, भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के ऋषिपाल मलिक, कोल्हापुर महाराष्ट्र से संजय नाजरे और अभिषेक,  गुहार संस्था के अक्षित, डिब्रूगढ़, असम यूनिवर्सिटी के पल्लब, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कलादास आदि थे।

 

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