रायपुर। वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने अचानकमार टाइगर रिजर्व के रेंजर संदीप सिंह को निलम्बित करने की विधानसभा में की गई घोषणा पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का अच्छा संदेश नहीं गया है। इससे जंगलों में वन्य प्राणियों का शिकार तथा अवैध कटाई के मामले बढ़ेंगे।

सिंघवी ने बताया कि वास्तव में रेंजर के हिप ज्वाइंट का ऑपरेशन 2 साल पहले हुआ था परंतु ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए जाने के कारण,  मजबूरीवश उन्हें दो महिला कर्मचारियों के साथ  उठक बैठक करना पड़ा। 6 घंटे बंधक बनाए रखने के दौरान उनके हिप ज्वाइंट में मारा गया, गार्ड के गले में चोट पहुंचाई गई। वन विभाग के 3 कर्मचारी अस्पताल में 3 दिन व रेंजर 7 दिन भर्ती रहे। विधान सभा को बताया कि ग्रामीणों द्वारा रेंजर की उठक-बैठक करवाई गई। इसका वीडियो भी उपलब्ध है, इसके बावजूद भी रेंजर को निलंबित किया गया।

रेंजर को मार्च 2020 में एक तेंदुए को जाल से पकड़ने के फोटो ट्रैप कैमरे में मिले थे जो कि कोर क्रिटिकल हैबिटेट सुरही रेंज के थे। जाल में फंसने एवं चोट लगने के कारण तेंदुए की तीन दिन बाद में कानन पेंडारी जू में मौत हो गई। अप्रैल 2020 में 4 ग्रामीण धनुष तीर के साथ ट्रैप कैमरे में उसी सुरही रेंज में पाए गए। रेंजर ने 12 कर्मचारियों तथा डॉग स्क्वायड के साथ शिकारी गतिविधियों के चलते इलाके के ग्राम निवासखार मैं छापा मारकर व्यापक मात्रा में हथियार, धनुष, तीर, तार जिन पर खून के निशान थे जप्त किए। इसके कारण ग्रामीणों ने रेंजर व कर्मचारियों को बंधक बनाकर पिटाई की। दूसरे दिन जांच में गई पुलिस जीप पर भी पथराव किया गया।

वन विभाग के रेंजर एव कर्मचारी जो शिकारियों को पकड़ते हैं, ग्रामीणों से पिटाई खाते हैं, घंटो बंधक रहते है, बाद में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रहते हैं उनमे से एक को कर्तव्य पालन के कारण निलंबित किया गया। इस कार्रवाई से कुछ बचे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी निरुत्साहित और अकर्मण्य हो जाएंगे तथा वन संरक्षण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनके मन में अरुचि पैदा होगी। यह ऐसे राज्य के हित में नहीं है जहां अवैध कटाई एवं शिकार बढ़ रहा है। ऐसे सिंघवी ने मांग  की है कि रेंजर का निलंबन तत्काल वापस लिया जाये एवं जांच उपरांत ही जो भी पक्ष दोषी हो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाये।

सिंघवी ने बताया कि देश के वन्यजीव संरक्षण में कार्यरत, प्रसिद्ध लेखिका, नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्टैंडिंग समिति की एवं उत्तराखंड वाइल्डलाइफ बोर्ड की पूर्व सदस्य प्रेरणा सिंह ने मई 2020 में मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को अचानकमार के तेंदुए शिकार प्रकरण में कार्रवाई की मांग करते हुए पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने अपमानित किये गए फ्रंट लाइन स्टाफ के साथ न्याय की अपील की थी। छत्तीसगढ़ की हालत पर वे बहुत दुखी हैं क्योंकि यहां तो न टाइगर सेल है ना ही स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फ़ोर्स।

 

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