सीएम की रेस में शामिल चार लोगों में शामिल है नाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में  उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दिया। वह विधायक बने रहेंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में लोरमी सीट से अरुण साव विधायक चुने गए हैं। सीएम के दावेदारों में भी उनका नाम चल रहा है। इसके अलावा रायगढ़ सांसद गोमती साय ने भी त्यागपत्र दिया है। सरगुजा सांसद ने बताया है कि वे गुरुवार को दिल्ली पहुंच रही हैं, वहां लोकसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौपेंगीं। 

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैदान में उतारे गए सांसद किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप, रीति पाठक, अरुण साव, गोमती साई, दीया कुमारी और किरोणी लाल मीणा ने बुधवार को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनावों में कुल 21 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिसमें से 12 को जीत हासिल हुई और बाकी 9 सांसद चुनाव हार गए। विधानसभा के लिए चुने गए सांसदों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

वहीं बाबा बालक नाथ ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है, क्योंकि वो आज लोकसभा नहीं आए थे। राज्य के विधानसभा चुनावों में अपने सांसदों को मैदान में उतारकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया था और यह प्लान बीजेपी का काम कर गया। पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति से मुलाकात के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया है। जो सांसद विधानसभा चुनाव जीत गए उन्होंने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद अपना-अपना इस्तीफा दिया है।

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने अपने कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतारा था जिनमें से 12 सांसदों ने जीत दर्ज कर ली है। वहीं, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने चार सांसदों अरुण साव को लोरमी, रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहरत, गोमती साय को पत्थल गांव और विजय बघेल को पाटन से टिकट दिया था। इनमें से विजय बघेल को छोड़कर तीनों ने जीत हासिल की है। उधर, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से विधायक चुने गए नेताओं को सांसद के पद से इस्तीफा देने का गया था। एक-एक कर सभी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिनमें अरुण साव भी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए जिसमें बीजेपी ने पांच साल के बाद सत्ता में वापसी की है। वह 54 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है। अरुण साव इस्तीफा देने से पहले छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट से लोकसभा सदस्य थे। उन्हें विधानसभा चुनाव में 75070 वोट मिले हैं और उन्होंने 45891  के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराया है। उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी थानेश्वर साहू को मात दी है। अरुण साव को पिछले साल अगस्त में छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उधर, छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर जिन नामों की चर्चा है उनमें अरुण साव भी शामिल हैं। उनके अलावा रमन सिंह और रेणुका सिंह के नाम भी संभावितों में शामिल हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी इस बार बिना किसी सीएम के चेहरे के साथ चुनाव में आई। बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि पार्टी संयुक्त नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ रही है और जीतने के बाद ही सीएम के चेहरे की घोषणा होगी। बीजेपी का यह प्रयोग सफल भी रहा, क्योंकि छत्तीसगढ़ में चुनावी पंडित कांग्रेस की जीत का अनुमान जता रहे थे लेकिन 3 दिसंबर को जब नतीजे आए तो वह बेहद अप्रत्याशित थे। पूर्व सीएम बघेल जहां यह दावा कर रहे थे कि बीजेपी 15 सीटें भी नहीं जीत पाएगी, वहीं बीजेपी ने नतीजों से हैरान करते हुए 54 सीटें अपने नाम कर ली और कांग्रेस 71 से सीधे 35 सीटों पर सिमट गई।

 

 

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