पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के हाथों एसईसीएल सीएमडी को भी लीडरशिप अवार्ड

बिलासपुर। पर्यावरण व सतत धारणीय विकास में एसईसीएल के प्रयासों को बड़ी पहचान मिली है। गुरुवार को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित गवर्नेन्स नाऊ 9वें पीएसयू अवार्ड के अंतर्गत एसईसीएल को मिनीरत्न श्रेणी में पर्यावरण व सतत धारणीय विकास (इन्वायरमेंट एण्ड सस्टेनबिलिटी) का पुरस्कार प्रदान किया गया। नई दिल्ली के एयरोसिटी में आयोजित समारोह में  भूतपूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, जस्टिस दीपक मिश्रा के करकमलों से उक्त पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी समारोह में एसईसीएल के सीएमडी डॉ. प्रेम सागर मिश्रा को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सीएमडी लीडरशिप अवार्ड भी दिया गया।

विदित हो कि कोयला खनन से पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव को कम करने की दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है। इस दिशा में कम्पनी ने नई ग्रीन टेक्नॉलॉजी व मशीनें जैसे सरफेस माईनर, कान्टिन्यूअस माईनर, हाईवाल माईनिंग आदि को अपनाया है। कम्पनी ने छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम व मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम भोपाल के जरिए वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का भी प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ शासन के हरिहर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत एसईसीएल ने राज्य के सड़कों के किनारे वृक्षारोपण को समृद्ध किया है, साथ ही तालाबों के सौन्दर्यीकरण व गहरीकरण के लिए संचालन के राज्यों में सीएसआर मद से वित्तीय सहायता दी है।

एसईसीएल ने अपने स्थापना से आज तक 2.71 करोड़ पौधों का रोपण किया है। ये पौधारोपण लगभग 10,700 हेक्टेयर भूमि पर किया गया है जिसके जरिए लगभग 5.36  लाख टन कार्बनडाईआक्साइड का कार्बन सिंक तैयार किया जा सका है। खदानों से निकले जल का प्रयोग सिंचाई व वाटर ट्रीटमेंट उपरांत पेयजल के रूप में उपयोग किया जा रहा है।

समारोह में एसईसीएल के सीएमडी डॉ. मिश्रा को सीएमडी लीडरशीप अवार्ड भी प्रदान किया गया। डॉ. मिश्रा के नेतृत्व में एसईसीएल इस वित्तीय वर्ष में प्रभावी नतीजे की ओर बढ़ रहा है। कम्पनी ने कोयला उत्पादन में गत वर्ष के समान अवधि की तुलना में 20 मिलियन टन तथा ओबीआर में 55 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। कम्पनी ने कैलेण्डर वर्ष 2022 में भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों में 773 रोजगार प्रदान किया है जो कि एसईसीएल की स्थापना से अब तक किसी भी एक वर्ष में भूमि अधिग्रहण के एवज में स्वीकृत किए गए सर्वाधिक रोजगार हैं ।

उक्त समारोह में एसईसीएल के प्रतिनिधि मण्डल में बी.के. जेना महाप्रबंधक (पर्यावरण) व लवेश चौधरी उप प्रबंधक (सीएसआर) शामिल थे।

 

 

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