बिलासपुर। कानन पेंडारी से तीन किलोमीटर दूर तेंदुआ के पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने चार घंटे बाद रेस्क्यू कर उसे पिंजरे में कैद कर लिया है। बिलासपुर शहर के नजदीक पिछले सप्ताह हाथियों का एक दल भी पहुंच गया था।

बिलासपुर से 13 किलोमीटर दूर, तखतपुर परिक्षेत्र के बिनौरी गांव में कल शाम ग्रामीणों ने एक तेंदुआ को घूमते हुए देखा। वह खेत और सब्जी बाड़ी के पास भटक रहा था। इस जगह से कानन पेंडारी चिड़ियाघर करीब किलोमीटर दूर है, जहां बड़ी संख्या में चीतल मौजूद हैं। अक्सर वे जू से निकलकर पास के गांवों में चले जाते हैं। समझा जाता है कि तेंदुआ भी अचानकमार अभयारण्य से इसी शिकार की तलाश में बिलासपुर पहुंचा होगा। वन विभाग और कानन पेंडारी की रेस्क्यू टीम ने एक पिंजरा लाकर उसमें मुर्गा बांधा और सुरक्षित दूरी पर खड़े हो गए। थोड़ी देर में तेंदुआ जैसे ही मुर्गे के लिए भीतर घुसा पिंजरे का स्लाइडर दरवाजा बंद हो गया और वह कैद कर लिया गया। यह पूरी कवायद करीब 4 घंटे चली। रेस्क्यू के बाद उसे कानन पेंडारी लाया गया है। उसे हल्की चोट भी आई है, जिसका इलाज जू में ही किया जा रहा है।

हाल के दिनों में वन्यप्राणियों के बिलासपुर के पास पहुंचने की यह दूसरी घटना है। कुछ दिन पहले ही शहर से 20 किलोमीटर दूर सीपत वन परिक्षेत्र में 13 हाथियों के दल ने तीन दिन डेरा डाला था। हालांकि पेंडारी के पास आकर तेंदुए के भटकने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

 

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