नई दिल्ली। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने रिटायर होने का ऐलान किया है। अपने जीवन से जुड़ी एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैंने आज राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला किया है।

पवार ने कहा कि राज्यसभा में मेरा तीन साल का कार्यकाल बाकी है। मैं सन् 1960 से राजनीति में हूं। ज्यादा लालची नहीं होना चाहिए, कहीं रुकने के बारे में भी सोचना चाहिए। अब मैं आगे कोई चुनाव नहीं लडूंगा। पवार ने सुझाव दिया है कि आगे की रणनीति के लिए एक समिति बनाई जाए, जिसमें सभी वरिष्ठ नेता शामिल हों।

पवार ने कहा कि मेरे लिए यह बात चौंकाने वाली थी कि अजीत ने अचानक बीजेपी के साथ जाकर डिप्टी सीएम पद की शपथ क्यों ली? जब मैंने सोचना शुरू किया कि अजीत ने ऐसा फैसला क्यों लिया तब मुझे एहसास हुआ कि सरकार गठन में कांग्रेस के साथ चर्चा इतनी सुखद नहीं थी। उनके व्यवहार के कारण हमें हर रोज सरकार गठन पर चर्चा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। हमने चर्चा में बहुत नरम रुख अपनाया था लेकिन उनकी प्रतिक्रिया स्वागत योग्य नहीं थी। ऐसी ही एक मुलाकात में मैं भी आपा खो बैठा। मेरा मानना ​​था कि यहां आगे कुछ भी चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. जिससे मेरी ही पार्टी के कई नेताओं को झटका लगा था। अजीत के चेहरे से साफ जाहिर हो रहा था कि वह भी कांग्रेस के इस रवैये से खफा है। मैं बैठक से चला गया लेकिन अपनी पार्टी के अन्य सहयोगियों से बैठक जारी रखने के लिए कहा। कुछ समय बाद मैंने जयंत पाटिल को फोन किया और बैठक की प्रगति के बारे में पूछा। उन्होंने मुझे बताया कि अजीत पवार मेरे तुरंत बाद चले गए।

मैंने नहीं सोचा था कि उस समय कुछ गलत होगा। इस तरह के विद्रोह को तोड़ने के लिए और सभी विधायकों को वापस लाने के लिए मैंने तत्काल पहला कदम उठाया। मेरी बैठक में 50 विधायक मौजूद रहे इसलिए हमें विश्वास हो गया कि इस बागी में कोई ताकत नहीं है।

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