बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के बेहतर प्रसार एवं क्रियान्वयन के लिए नेशनल इंफरमेशन सेंटर (एनआईसी) के डायरेक्टर जनरल की ओर से सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया है।

भारत सरकार राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केन्द्र द्वारा ई-कोर्ट, ई-हॉस्पिटल, ई-आफिस, सर्विस प्लस आदि सात प्रोजेक्ट पर अवार्ड दिए गए है। इसमें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में संचालित ई-कोर्ट प्रोजेक्ट को यह अवार्ड प्रदान किया गया है। अवार्ड समारोह एक अक्टूबर को वर्चुअली आयेाजित किया था।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की इस उपलब्धि में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा का सतत् मार्गदर्शन रहा। हाईकोर्ट कम्प्यूटराईजेशन कमेटी के चेयरमेन जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, रजिस्टार जनरल, रजिस्टार कम्प्यूटराईजेशन एवं हाईकोर्ट के सभी तकनीकी अधिकारी कर्मचारी का भी उल्लेखनीय सहयोग रहा।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एनआईसी के प्रभारी एवं साइंटिस्ट-सी संजय कुमार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार ई-कोर्ट प्रोजेक्ट कार्यान्वित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत् हाईकोर्ट, जिला कोर्ट और तालुका कोर्ट में केस इंफरमेशन सिस्टम का नवीनतम संस्करण स्थापित किया गया है, जो सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। केस इंफरमेशन सिस्टम से प्रत्येक स्तर के कोर्ट का डेटा कहीं से भी इंटरनेट में एक्सेस कर ऑनलाईन केस स्टेट्स देख सकते हैं। ई-कोर्ट का एक मोबाईल ऐप भी उपलब्ध है। कोई भी यूजर ऐप के माध्यम से अपने केस स्टेट्स की जानकारी ले सकता है।

कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में क्योस्क मशीन लगाई गई है और लगभग सभी ज्यूडिशियल सेक्शन को कम्प्यूटराईज कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला व तालुका कोर्ट में भी क्योस्क मशीन उपलब्ध हैं, जिससे कोई भी पक्षकार अपने केस का स्टेट्स देख सकता है।

केस का स्टेट्स, जजमेंट सभी ऑनलाईन हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की वेबसाईट में जाकर एक क्लिक में सभी जानकारी ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ई-कोर्ट प्रोजेक्ट को और विस्तारित कर डिजिटलाईजेशन और कम्प्यूटराईजेशन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को और आगे ले जाने का प्रयास किया जायेगा।

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